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पाकिस्तान में सियासी संकट : पीएम इमरान खान बोले – ‘इस्तीफा नहीं दूंगा, अविश्वास प्रस्ताव का सामना करूंगा’

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इस्लामाबाद, 31 मार्च। पाकिस्तान में जारी सियासी संकट के बीच सत्तारूढ़ पाकिस्तान-ए-तहरीक (पीटीआई) की सरकार गिरने की आहट के बावजूद प्रधानमंत्री इमरान खान ने संकेत दिया है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और रविवार को होने वाले ‘अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान’ का सामना करेंगे।

पाकिस्तान के निचले सदन यानी नेशनल असेंबली में बहुमत खोने के बावजूद गुरुवार की रात राष्ट्र के नाम सीधे प्रसारण वाले एक संबोधन में 69 वर्षीय इमरान ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान का चाहे जो कुछ नतीजा आए, वह और अधिक मजबूत होकर लौटेंगे।

मैं आखिरी गेंद तक मुकाबला करता हूं, जिंदगी में कभी हार नहीं मानी

इमरान ने अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर हमला किया और कहा, ‘मुझे किसी ने कहा कि आप इस्तीफा दे दीजिए। जो मेरे साथ क्रिकेट खेलते थे, उन्होंने देखा है कि मैं आखिरी गेंद तक मुकाबला करता हूं। मैंने हार कभी जिंदगी में नहीं मानी। मैं और ज्यादा ताकतवर होकर सामने आऊंगा।’

रविवार को फैसला होने वाला है कि ये मुल्क अब किस तरफ जाएगा

उन्होंने कहा कि रविवार को वोट (पाकिस्तान नेशनल असेंबली में) डाली जाएगी। इस रविवार को इस मुल्क का फैसला होने वाला है कि ये मुल्क अब किस तरफ जाएगा। क्या वही गुलाम नीति, भ्रष्ट लोग जिन पर 30 साल से भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

इमरान ने कहा, ‘8 मार्च को एक विदेशी देश से हमें मैसेज आता है, जिसमें बहाना दिया जाता है कि वे पाकिस्तान पर क्यों गुस्सा हैं। और अगर इमरान खान को हटा दिया जाता है तो पाकिस्तान को माफ कर दिया जाएगा। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो पाकिस्तान को मुश्किल वक्त का सामना करना पड़ेगा।’

नेशनल असेंबली में 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है

गौरतलब है कि तीन अप्रैल को नेशनल असेंबली में इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। उन्हें प्रधानमंत्री पद से बेदखल करने की विपक्ष की कोशिश को नाकाम करने के लिए 342 सदस्यीय संसद के निचले सदन (नेशनल असेंबली) में पीपीपी 172 वोट की जरूरत है। वहीं विपक्ष ने अपने पक्ष में 175 सांसदों का समर्थन हासिल होने का दावा किया और प्रधानमंत्री से फौरन इस्तीफा देने की मांग की है।

पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी पीएम 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी इतिहास में आज तक कोई भी प्रधानमंत्री पांच वर्षों का अपना पूर्ण कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। हालांकि पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री आज तक अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल भी नहीं हुआ है और खान इस चुनौती का सामना करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं।

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