इस्लामाबाद, 21 मई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यह बयान देने के साथ पूर्व पीएम इमरान खान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं कि गत नौ मई की हिंसा और सैन्य प्रतिष्ठानों तथा सरकारी संस्थानों पर हमले में संलिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान की गत नौ मई को गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा के मद्देनजर देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर रविवार को यहां एक बैठक को संबोधित करते हुए शहबाज ने कहा कि दंगाई कानून से बच नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा, ‘यह निर्णय लिया गया है कि नौ मई की हिंसा में संलिप्त लोगों और इसे भड़काने वालों को कानून एवं संविधान के अनुसार दंडित किया जाएगा।’
गौरतलब है कि नौ मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से अर्धसैनिक बल के कर्मियों द्वारा खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू हुए थे। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली वायुसेना अड्डा और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी।
भीड़ ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय पर भी हमला किया था। पुलिस ने दावा किया है कि हिंसक झड़पों में 10 लोगों की मौत हुई जबकि खान की पार्टी का कहना है कि सुरक्षा बलों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ता मारे गए।
पीटीआई की तुलना प्रतिबंधित आतंकी समूह तहरीक-ए-तालिबान से की
प्रधानमंत्री शहबाज ने नौ मई को खान की पार्टी के सदस्यों द्वारा की गई हिंसा की तुलना प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान आतंकी समूह के कृत्यों से की। उन्होंने कहा, ‘यह कोई मजाक नहीं था कि आतंकवादियों ने कराची में वायुसेना के प्रतिष्ठानों पर हमला किया और फिर खान के समर्थकों ने मियांवाली में विमान में आग लगा दी, जिसका उपयोग दुश्मन के खिलाफ किया गया था। मैंने पंजाब के मुख्यमंत्री, देश के गृह मंत्री और खुफिया ब्यूरो के महानिदेशक से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने को कहा है।’