इस्लामाबाद, 28 मई। पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बातचीत का प्रस्ताव खारिज करते हुए स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि बातचीत आतंकवादियों से नहीं बल्कि राजनेताओं से होती है।
मीडिया की खबरों के अनुसार सरकार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (NRO) की मांग कर रहे हैं। दरअसल, इमरान खान ने सरकार के साथ बातचीत करने के लिए एक सात सदस्यीय टीम का गठन किया था। इस बातचीत का मकसद आम चुनाव की तारीख पर आम सहमति बनाना था।
हालांकि गत नौ मई के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद की जा रहीं काररवाइयों ने पीटीआई को अस्तित्व के गहरे संकट में डाल दिया है, जिसमें पार्टी के दर्जनों प्रमुख नेता हर दिन पीटीआई नाम के जहाज से कूद रहे हैं। इसमें पीटीआई महासचिव असद उमर, वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी और पूर्व मंत्री शिरीन मजारी शामिल हैं।
इमरान खान की ओर से बातचीत की पेशकश पर प्रतिक्रिया देते हुए, सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ ने ट्वीट किया कि बातचीत केवल राजनेताओं के साथ होती है। उन्होंने कहा, ‘आतंकवादियों और तोड़फोड़ करने वालों से कोई बातचीत नहीं होगी, जिन्होंने शहीदों के स्मारकों को जला दिया और देश में आग लगाई।’
देश पर हमला करने वालों को सजा दी जाती है – मरियम
वहीं सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि देश पर हमला करने वालों को दंडित किया जाता है, उनके साथ बातचीत नहीं की जाती है। उन्होंने दावा किया कि बातचीत के लिए इमरान खान की अपील एक राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) की अपील है। जब इमरान सत्ता में थे, तब वह अक्सर कहा करते थे कि पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने NRO के माध्यम से पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सहित विभिन्न दलों के नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों को समाप्त कर दिया था, लेकिन वह किसी भी ‘लुटेरे’ को एनआरओ नहीं देंगे। मरियम ने यह भी कहा कि शहीदों के स्मारकों को अपवित्र करने वालों के साथ बातचीत करना ‘शहीदों का अपमान’ है।
‘इमरान ने कश्मीर-कोविड पर हमसे भी बात नहीं की थी‘
मरियम ने यह भी कहा कि एंबुलेंस, अस्पताल और स्कूल जलाने और युवाओं के दिमाग में जहर घोलने के बाद खान बातचीत चाहते हैं, उनके साथ कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इमरान ने बातचीत के लिए बुलाया है, जब उनकी पार्टी के नेताओं ने उन्हें झुंड में छोड़ दिया है। मरियम ने इमरान को याद दिलाया कि उन्होंने अर्थव्यवस्था, कश्मीर, राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों, कोविड-19 और एफएटीएफ मुद्दे पर विपक्ष से बात नहीं की थी, लेकिन अब वह बातचीत के लिए रिक्वेस्ट कर रहे हैं।