इस्लामाबाद, 23 जनवरी। 22 जनवरी का दिन भारत के लिए हर मायने में खास रहा। उत्तर प्रदेश के राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बहुत ही हर्षोल्लास के साथ पूरा हुआ। एक तरफ अमेरिका, मेक्सिको और लंदन जैसे देशों में भगवान राम की पूजा की गई और खुशी से लड्डू बांटे गए तो वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी देश पाकिस्तान कुछ अलग ही मूड में नजर आया।
पाकिस्तान ने सोमवार को कहा कि ‘भारत में ‘हिंदुत्व’ विचारधारा का बढ़ता धार्मिक सद्भाव और क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा है।’ इसके अलावा पाकिस्तान ने भारत सरकार से मुसलमानों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके पवित्र स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा है।
- भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत
एक समाचार एजेंसी के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (FO) की यह टिप्पणी सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में अयोध्या मंदिर में राम लला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आई। इसमें कहा गया है कि ‘पिछले 31 वर्षों के घटनाक्रम जिसके कारण आज का अभिषेक समारोह हुआ, भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है। एफओ ने एक बयान में कहा, ये भारतीय मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से हाशिए पर रखने के लिए चल रहे प्रयासों का एक महत्वपूर्ण पहलू है।’
- 2019 को सुनाया गया था ऐतिहासिक फैसला
गौरतलब है कि 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ का भूखंड आवंटित करने का भी निर्देश दिया।