नई दिल्ली, 18 जुलाई। अमेरिका द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले में कथित तौर पर शामिल लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को आंतकवादी संगठन घोषित किए जाने से पाकिस्तान बौखला उठा है। इस क्रम में उसने भारत पर आरोप लगाया है कि वह अमेरिका को भड़का रहा है और पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल कर रहा है।
लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान में एक निष्क्रिय और प्रतिबंधित संगठन
पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने शुक्रवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में टीआरएफ को आतंकवादी घोषित किए जाने को लेकर दी गई अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वह आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा करता है। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान में एक निष्क्रिय और प्रतिबंधित संगठन है, जिसे पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। संगठन के शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ काररवाई की गई है।
शहबाज सरकार का कहना है कि पाकिस्तान हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ सबसे अग्रिम मोर्चे पर खड़ा रहा है और वैश्विक शांति के लिए उसके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उसने ‘एबी गेट बम धमाके’ के मास्टरमाइंड शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी को इसकी मिसाल बताया।
पहलगाम हमले की जांच पूरी हुए बिना किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी
हालांकि पाकिस्तान ने यह भी कहा कि पहलगाम हमले की जांच अब तक पूरी नहीं हुई और किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। पाकिस्तान ने इस क्षेत्र को ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित’ बताया और भारत द्वारा इस मामले में सीधे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़ाव के दावे को नकारते हुए कहा है कि यह ‘जमीनी हकीकतों’ के खिलाफ है।
अमेरिकी कानून और भारत पर आरोप
टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किए जाने पर पाकिस्तान ने कहा कि यह मामला अमेरिकी घरेलू कानूनों से जुड़ा है, लेकिन भारत पर आरोप लगा दिया कि वह इन अंतरराष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल पाकिस्तान को बदनाम करने और ‘अंतरराष्ट्रीय ध्यान भटकाने’ के लिए करता है। पाकिस्तान ने साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि वह आतंकवाद के मुद्दे पर ‘निष्पक्ष और बिना पक्षपात’ वाली नीति अपनाए।

