इस्लामाबाद, 5 सितम्बर। पाकिस्तान अब खुलकर तालिबान के पक्ष में बोलने लगा। प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबान के पक्ष में बोलते हुए कहा कि मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरे विव को अफगानिस्तान के साथ जुड़ना चाहिए और युद्धग्रस्त देश में शरणार्थी संकट को रोकने के लिए आर्थिक स्थिरता प्रदान करनी चाहिए। बता दें कि पाकिस्तान ने तालिबान शासन को मान्यता दे रखी है। यही नहीं, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के चीफ फैज हामिद अफगानिस्तान में डेरा डाले हुए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, खान ने मानवीय जरूरतों को पूरा करने और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अफगानिस्तान के साथ और अधिक जुड़ाव की आवश्यकता को रेखांकित किया।
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘इस तरह के कदम से न केवल सुरक्षा मजबूत होगी बल्कि अफगानों का उनके देश से बड़े पैमाने पर पलायन भी रुकेगा। इस प्रकार अफगानिस्तान से पैदा होने वाले शरणार्थी संकट को रोका जा सकेगा। खान ने अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और एक समावेशी राजनीतिक समाधान के महत्व पर प्रकाश डाला। पाक पीएम इमरान ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ टेलीफोन पर बात की और दोनों नेताओं ने मानवीय स्थिति पर विशेष ध्यान देने के साथ साथ अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर चर्चा की।
बयान में कहा गया है कि खान ने कहा कि यह अफगानिस्तान में 40 साल से जारी संकट पर पूर्ण विराम लगाने का अवसर है। स्थायी शांति, सुरक्षा और समृद्धि हासिल करने में अफगानों की मदद करके इस अवसर को भुनाया जाना चाहिये। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान ने आज महिलाओं पर हमले किए थे और उनके प्रदर्शन को रोक दिया था।