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वक्फ संशोधन विधेयक पर भड़के ओवैसी, कहा – ‘मैं गांधीजी की तरह इस बिल को फाड़ता हूं..’

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नई दिल्ली, 2 अप्रैल। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और लगातार चार बार के हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी  ने बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर सरकार पर कड़ा निशाना साधा। अपने भाषण के दौरान ओवैसी ने बिल को ‘असंवैधानिक कृत्य’ बताते हुए वक्फ संशोधन विधेयक की प्रति फाड़ दी। इस पर जेपीसी प्रमुख ने ओवैसी की निंदा की।

यह कानून देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ

असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में वक्फ विधेयक पर बहस के दौरान सरकार की आलोचना की और कहा कि यह कानून देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ है। उन्होंने विधेयक को लेकर अपनी असहमति जताई। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार मेरी मस्जिदों, दरगाहों और मदरसों को निशाना बना रही है। इस विधेयक से अनुच्छेद 14, 25 और 26 का उल्लंघन होता है। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।

विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए फाड़ा

ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला कर रही है। उन्होंने विधेयक को असंवैधानिक करार देते हुए महात्मा गांधी की तरह इसे फाड़ने की बात कही। इसके बाद AIMIM प्रमुख ने लोकसभा में चल रही बहस में अपनी टिप्पणी के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक की प्रति फाड़ दी।

मंदिरों और मस्जिदों के नाम पर झगड़े पैदा करना चाहती है भाजपा

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा मंदिरों और मस्जिदों के नाम पर झगड़े पैदा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम वक्फ कानून में गैर-मुस्लिमों को शामिल किया जा रहा है। यह दूसरे धार्मिक बोर्डों के कामकाज से बिल्कुल अलग है। कोई भी नामित अधिकारी यह फैसला कर सकता है कि कोई मस्जिद सरकारी संपत्ति है और उसे छीना जा सकता है।

सरकार सच्चाई नहीं बता रही

ओवैसी ने आगे कहा कि इस विधेयक के लागू होने से अतिक्रमण करने वाला मालिक बन जाएगा। साथ ही एक गैर-मुस्लिम वक्फ बोर्ड का प्रशासक रहेगा। उऩ्होंने कहा कि यह विधेयक अनुच्छेद 14-समान संरक्षण का उल्लंघन करता है। उन्होंने आशंका जताई कि इससे सीमाएं लगाई जाएंगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार सच्चाई नहीं बता रही है।

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