हैदराबाद, 9 मई। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की जो रिपोर्ट सामने लाई गई है, वह ‘ह्वाट्सएप यूनिवर्सिटी’ द्वारा तैयार की गई है।
असदुद्दीन ओवैसी ने हिन्दू आबादी की घटती हिस्सेदारी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मुझे रिपोर्ट भेजें, फिर मैं उस पर जवाब दूंगा। यह किसकी रिपोर्ट है? यह रिपोर्ट किसने बनाई? क्या यह ह्वाट्सएप यूनिवर्सिटी की ओर से बनाई गई रिपोर्ट है?’
ओवैसी की यह तीखी टिप्पणी प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की उस रिपोर्ट पर आई है, जिसमें कहा गया है कि भारत में बहुसंख्यक हिन्दू आबादी का हिस्सा 1950 से 2015 के बीच 7.82 प्रतिशत (84.68 प्रतिशत से 78.06) घट गया है। वहीं मुस्लिम आबादी का हिस्सा, जो 1950 में 9.84 प्रतिशत था, 2015 में बढ़कर 14.09 प्रतिशत हो गया। इस तरह मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
ऐसे तो हिन्दुओं के लिए विश्व में कोई देश नहीं बचेगा – अमित मालवीय
ओवैसी से पहले आज भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि यदि देश को कांग्रेस के भरोसे छोड़ा गया तो फिर हिन्दुओं के लिए विश्व में कोई देश नहीं बचेगा।
Share of Hindus shrunk 7.8% between 1950 and 2015. Muslim population grew at 43%.
This is what decades of Congress rule did to us. Left to them, there would be no country for Hindus. pic.twitter.com/xNUramJyNE
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) May 9, 2024
अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘1950 और 2015 के बीच हिन्दुओं की हिस्सेदारी 7.8 प्रतिशत कम हो गई। मुस्लिम आबादी 43 प्रतिशत बढ़ गई है। कांग्रेस के दशकों के शासन ने हमारे साथ यही किया है। यदि उन्हें छोड़ दिया जाए तो हिन्दुओं के लिए कोई देश नहीं होगा।’
कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण बढ़ी मुस्लिम आबादी – केशव मौर्य
इस बीच, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी हिन्दू आबादी में कमी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया कि पार्टी की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति के कारण मुस्लिम आबादी बढ़ी है।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘यह चिंता का विषय है और जनसंख्या में यह असंतुलन, मुस्लिम आबादी में वृद्धि और हिन्दू आबादी में गिरावट सीधे तौर पर कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण हुआ है।’
क्या कहती है कि ईएसी-पीएम की रिपोर्ट
उल्लेखनीय है कि ईएसी रिपोर्ट के अनुसार 1950 और 2015 के बीच ईसाई आबादी का हिस्सा 2.24 प्रतिशत से बढ़कर 2.36 प्रतिशत हो गया और इसमें कुल मिलाकर 5.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं सिख आबादी का हिस्सा 1950 में 1.24 प्रतिशत था, जो 2015 में बढ़कर 1.85 प्रतिशत हो गया। इस तरह उसके हिस्से में 6.58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यहां तक कि बौद्ध आबादी की हिस्सेदारी में भी वृद्धि दर्ज की गई है, जो 1950 में 0.05 प्रतिशत से बढ़कर साल 2015 में बढ़कर 0.81 प्रतिशत हो गई है।
दूसरी ओर भारत की जनसंख्या में जैनियों की हिस्सेदारी 1950 में 0.45 प्रतिशत से घटकर 2015 में 0.36 प्रतिशत हो गई है। भारत में पारसी आबादी की हिस्सेदारी में 85 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई, जो 0.03 प्रतिशत से कम हो गई है।