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हिमाचल प्रदेश में बारिश से हाहाकार : अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत, 40 लोग मलबे में दबे

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शिमला, 14 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में विध्वंसक बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। राज्य में भूस्खलन और भारी बारिश की वजह से अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 40 से ज्यादा लोगों के विभिन्न जगहों पर मलबों में दबे होने की खबर है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार की शाम मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य में पिछले 24 घंटे में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 20 से ज्यादा लोग अब भी फंसे हुए हैं। मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है। राहत और बचाव अभियान लगातार जारी जारी है।

समर हिल इलाके में भूस्खलन से भयानक हादसा

शिमला के समर हिल इलाके में भूस्खलन से भयानक हादसा हुआ, जहां नौ लोगों की मौत हो गई है। NDRF के अधिकारी नफीस खान ने मीडिया से कहा, ‘ऐसी आशंका है कि यहां 30-40 लोग फंस गए हैं। हमारी एनडीआरएफ की 14 टीमें यहां पहुंच चुकी हैं। एसडीआरएफ की टीम भी यहां मौजूद है और यहां काफी मलबा जमा है।’

बारिश के वजह से हादसे वाली जगह पर काम कर पाना काफी मुश्किल

डीएसपी मुख्यालय, शिमला, विजय रघुवंशी ने बताया, ‘हादसे वाली जगह पर काम कर पाना काफी मुश्किल है। लोग सहयोग कर रहे हैं। अभी हमें यह नहीं पता कि कितने लोग यहां मौजूद थे। एसीडीएम, एसपी और एसडीआरएफ सभी यहां मौजूद हैं। बारिश के वजह से परेशानी हो रही है लेकिन हम रेस्क्यू ऑपरेशन पर ध्यान दे रहे हैं।’

सीएम सुक्खू ने अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक भी की

शिव मंदिर में हुए हादसे के बाद खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी आलाधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे थे। राज्य में कई जगहों पर बारिश और बाढ़ से स्थिति गंभीर बनती जा रही है। इस बीच सीएम सुक्खू ने अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक भी की है। बाढ़ से बने हालात को देखते हुए राज्य में 15 अगस्त को लेकर होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद कर दिए गए हैं। इस दिन सादे समारोह आयोजित किये जाएंगे।

नड्डा ने सीएम से बात कर मदद का भरोसा दिलाया, शाह ने भी जताई संवेदना

देखा जाए तो 15 अगस्त से एक दिन पहले हिमाचल में जल प्रलय जैसी स्थिति बन गई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बातचीत कर उन्हें मदद का भरोसा दिलाया है। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर शिमला में हुई हादसे में मृतकों के प्रति गहरी संवेदना जताई है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की है।

मंडी और कांगड़ा में भी बाढ़ जैसे हालात, मंगलवार के लिए येलो अलर्ट जारी

मंडी और कांगड़ा में भी बाढ़ जैसे हालात हैं। यहां ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा के बीच राज्य में 752 से ज्यादा सड़कें, 4697 बिजली ट्रांसफार्मरों औऱ 902 जलापूर्ति परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए राज्य में येलो अलर्ट जारी किया है। शिमला के अलावा चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, सोलन, हमीरपुर और सिरमौर में बारिश को लेकर अलर्ट जारी हुआ है। 18 अगस्त तक यहां बारिश का अनुमान है।

रेलवे ट्रैक को पहुंचा नुकसान

भारी बारिश से मची तबाही के दौरान यहां रेलवे ट्रैक भी बह गया। बताया गया है कि जुटोघ और समर हिल रेलवे स्टेशन के बीच बना कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पूरी तरह से बह गया है। राज्य सरकार ने बताया है कि कंडाघाट से शिमला के बीच परिचालन रद कर दिया गया है।

सोलन में भी मौत वाली तबाही

उधर सोलन में बादल फटने और शिमला में भूस्खलन की दो घटनाओं में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। भूस्खलन में कई और लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोलन जिले के जादोन गांव में रविवार रात को बादल फटने से दो मकान बह गए। हादसे में छह लोगों को बचा लिया गया जबकि सात अन्य की मौत हो गई।

हमीरपुर में उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि जिले में मूसलाधार बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गई जबकि दो अन्य लापता हैं। गौरतलब है कि रविवार शाम से कांगड़ा में 273 मिलीमीटर, धर्मशाला में 250 मिमी, सुंदरनगर में 168 मिमी, मंडी में 140 मिमी, जब्बारहट्टी में 132 मिमी, शिमला में 126 मिमी, बरठी में 120 मिमी, धौलाकुआं में 111 मिमी और नाहन में 107 मिमी बारिश हुई।

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