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किश्तवाड़ आपदा : 46 शवों में से 23 की हुई पहचान, 38 लोगों की हालत गंभीर, 200 से ज्यादा लोग अब तक लापता

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जम्मू,15 अगस्त। जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ जिले के सुदूर पहाड़ी गांव चिशोती में गुरुवार को बादल फटने के बाद भयावह बाढ़ से उपजी आपदा में अब तक दो सीआईएसएफ कर्मियों सहित 46 लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों में 38 की हालत गंभीर है जबकि 200 से ज्यादा लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी खोज के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

160 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है, इनमें 38 गंभीर

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि बादल फटने से प्रभावित चिसोती गांव से निकाले गए 46 शवों में से 21 शवों की पहचान कर ली है। मृतकों की पहचान के लिए, अधिकारियों ने एक ह्वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से प्रभावित परिवारों के साथ पीड़ितों की तस्वीरें साझा कीं, जिसके परिणामस्वरूप निकाले गए 46 शवों में से 21 की पहचान हो गई। अब तक 160 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है और उनमें से 38 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका

अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि और लोगों के फंसे होने की आशंका है। उन्होंने कहा, ‘हमने शवों की तस्वीरें उनके साथ साझा की हैं ताकि उनकी पहचान की जा सके। उन्होंने आगे कहा कि बादल फटने के बाद लोग अपने परिवार के सदस्यों का पता लगाने के लिए फोन कर रहे हैं।’

नियंत्रण कक्ष स्थापित, हेल्पलाइन नंबर जारी

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने चसोटी गांव से लगभग 15 किलोमीटर दूर पद्दार में अचानक आई बाढ़ के बाद आमजन और तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए एक नियंत्रण कक्ष-सह-सहायता डेस्क स्थापित किया। नियंत्रण कक्ष के लिए पांच अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। हेल्पलाइन के लिए प्रशासन ने कुछ नंबर जारी किए हैं। ये नंबर हैं : 9858223125, 6006701934, 9797504078, 8492886895, 8493801381, और 7006463710।

इस बीच, ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने चिनाब नदी में 10 शव उतराए हुए देखे हैं और उन्हें निकालने के प्रयास भी जारी हैं। वहीं, भूस्खलन और मलबे के साथ आई बाढ़ ने घरों, दुकानों और वाहनों को दफन कर दिया, जिससे कई लोग हताहत हुए और कई लोग लापता हो गए।

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