नई दिल्ली, 3 जुलाई। विपक्षी सांसदों ने लोकसभा की भांति बुधवार को राज्यसभा में भी प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान कुछ देर तक अपने भरसक हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट कर बाहर चले गए।
दरअसल, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का पीएम मोदी जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर फिर कांग्रेस नेता पर प्रहार शुरू किया, तभी विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सांसद कार्यवाही के दौरान LOP, LOP (विपक्ष के नेता) चिल्ला रहे थे। थोड़ी देर तक हंगामा करने के बाद विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया और वे संसद भवन से बाहर चले गए।
धनखड़ बोले – ‘आज वो सदन छोड़कर नहीं, मर्यादा छोड़कर गए हैं‘
विपक्ष के वॉकआउट की सभापति जगदीप धनखड़ ने भर्त्सना की और कहा कि इससे देश के 140 करोड़ लोग आहत होंगे। आज वो सदन छोड़कर नहीं, मर्यादा छोड़कर गए हैं। ये हमारा और आपका अपमान नहीं, सदन का अपमान है। वह मुझे पीठ दिखाकर नहीं गए हैं, भारत के संविधान को पीठ दिखाकर गए हैं। बहुत दुखी हूं, भारत के संविधान का इतना अपमान, इतना बड़ा मजाक। आशा करता हूं कि वे आत्ममंथन करेंगे।’
आज वो सदन छोड़ के नहीं गए आज वो मर्यादा छोड़ के गए हैं आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई है, भारत के संविधान को पीठ दिखाई है.
भारत के संविधान की इससे बड़ी अपमानित बात नहीं हो सकती, As House of elders हमे देश का मार्गदर्शन करना है.. मैं उनके आचरण की भर्त्सना करता हूँ – @VPIndia pic.twitter.com/OWk998JSss
— SansadTV (@sansad_tv) July 3, 2024
देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों की सच सुनने की ताकत नहीं होती, जिनका सत्य से मुकाबला करना, जिनके पास हौंसला नहीं है। वो बैठकर इतनी चर्चा के बाद उठाए गए सवालों का जवाब भी नहीं सुना।@narendramodi#264thRajyaSabha #MotionofThanks #parliamentsession2024 @VPIndia @PMOIndia pic.twitter.com/BwvtKnlHkf
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पीएम मोदी बोले – ‘जनादेश को पचा नहीं पा रहे, मैदान छोड़कर भागे‘
जगदीप धनखड़ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विपक्ष के वॉकआउट पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘नारेबाजी हो हल्ला और मैदान छोड़कर भाग जाना यही उनके (विपक्ष) नसीब में लिखा हुआ है।140 करोड़ देशवासियों ने जो जनादेश दिया है, उसको ये पचा नहीं पा रहे हैं।’ कल इनके सारे हथकंडे फेल हो गए। आज इनमें लड़ने का हौसला भी नहीं रहा। मैं तो कर्तव्य से बंधा हुआ है। देश का सेवक हूं।’