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तवांग में झड़प के बाद आई संसद में विपक्ष का हंगामा, चीन की पहली प्रतिक्रिया – स्थिति नियंत्रण में है

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नई दिल्ली, 13 दिसम्बर। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीनी सेना के बीच हुई झड़प के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस क्रम में  संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया। हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही फिर से शुरू होते ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तवांग मुद्दे पर बयान दिया।

उधर तवांग में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद चीन की तरफ से पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। चीन ने इस मसले पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। एएफपी समाचार एजेंसी के अनुसार झड़प के बाद चीन ने कहा कि भारतीय सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है।

रक्षा मंत्री राजनाथ का जवाब – भारतीय जवानों के हस्तक्षेप के बाद चीनी सैनिक लौट गए

इधर संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तवांग मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा, ‘तवांग में झड़प के दौरान दोनों ओर से कुछ जवान घायल हुए हैं। मैं सदन को बताना चाहता हूं कि झड़प में हमारा एक भी जवान न तो शहीद हुआ है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। भारतीय जवानों के समय पर हस्तक्षेप के कारण चीनी सैनिक लौट गए।

भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को अतिक्रमण से रोका

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘गत नौ दिसम्बर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में पीएलए के सैनिकों ने अतिक्रमण किया और यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया। चीनी सैनिकों का हमारे जवानों ने दृढ़ तरीके से सामना किया। हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें अपनी पोस्ट पर वापस जाने के लिए मजबूर किया।’

उन्होंने कहा, ‘इस मुद्दे को चीनी राजनयिकों के सामने उठाया गया। मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे जवान देश की सीमा की सुरक्षा करने और सीमा की सुरक्षा को चुनौती देने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध है।’

अमित शाह बोले – भारत की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं हुआ

वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तवांग मुद्दे पर विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘लोकसभा में विपक्ष ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया, मैं इस कृत्य की निंदा करता हूं। संसदीय कार्य मंत्री ने साफ कहा कि रक्षा मंत्री संसद में इस (तवांग फेसऑफ) पर बयान देंगे।’

शाह ने कहा, ‘मैंने प्रश्नकाल की सूची देखी और प्रश्न संख्या 5 देखने के बाद मुझे कांग्रेस की चिंता समझ में आई। सवाल राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) के विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस को रद करने के संबंध में था।’ उन्होंने कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं हुआ है।

ओवैसी का आरोप – राजनीतिक नेतृत्व के मामले में विफल पीएम

फिलहाल संसद में इस मुद्दे पर हंगामे के बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री राजनीतिक नेतृत्व के मामले में नाकाम साबित हो रहे हैं। नौ तारीख को ये झड़प होती है और आप संसद में आज बताते हैं। अगर मीडिया इस पर बात नहीं करती तो फिर आप तो खामोश बैठ जाते।

चीन का नाम लेने से डरते हैं पीएम

ओवैसी ने आगे कहा, ‘ये सब इनकी नाकामी है। आप हम सभी को उस जगह पर लेकर जाइए। देश के प्रधानमंत्री चीन का नाम लेने से डरते हैं। व्यापार असंतुलन के बाद भी हमारी सेना मार खा रही है, चीन हमारी जमीन में घुसता है।’

उमर अब्दुल्ला बोले – हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अबदुल्ला ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध नहीं रख पा रहे हैं। पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन चीन के साथ भी हम अच्छे संबंध स्थापित नहीं कर पा रहे हैं।’

अच्छे संबंध बनाना चीन की भी जिम्मेदारी

उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। हम अपने पड़ोसी को तो नहीं बदल सकते, लेकिन उनके साथ अच्छे संबंध रख सकते हैं। ये चीन की भी जिम्मेदारी है कि वह हमारे साथ अच्छे संबंध बनाए और सीमा पर इस तरह की हरकतों को बंद करे।’

रक्षा मंत्री ने सिर्फ बयान पढ़ा और चले गए : मल्लिकार्जुन खड़गे

उधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि रक्षा मंत्री ने सिर्फ बयान पढ़ा और चले गए। वो किसी चर्चा या स्पष्टीकरण के लिए तैयार नहीं थे। राजीव गांधी फाउंडेशन से इसका कोई लेना-देना नहीं है। अगर हमारी गलती है तो हमें फांसी पर लटका दें।’

आर्मी के साथ खड़ा हर पार्टी का सदस्य – थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि चीन की नजरें तवांग पर हैं। हमें काफी सतर्क रहना होगा। हमारी सेना ने जो कुछ भी किया, देश उसका समर्थन करता है। मैंने रक्षा मंत्री से कहा कि उन्हें पूरी दुनिया को ये दिखाना चाहिए कि भारत एक है और हर एक दल का सदस्य आर्मी के साथ है।’

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