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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा विपक्ष

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नई दिल्ली, 28 मार्च। विदेश में राहुल गांधी के लोकतंत्र विरोधी बयान और अडानी समूह मामले पर जेपीसी की मांग सहित अन्य मुद्दों को लेकर संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण मंगलवार को लगातार 11वें दिन ठप रहा। अब बचे वक्त के लिए विपक्षी दलों ने नई रणनीति बनाई है। इसके तहत वे अगले सोमवार (तीन अप्रैल) को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं।

दरअसल, कांग्रेस सांसदों की बैठक में इससे जुड़ा प्रस्ताव रखा गया था। कांग्रेस इस संबंध में अन्य विपक्षी दलों से बात कर रही है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि विपक्ष राहुल गांधी की अयोग्यता और सदन में पक्षपाती होने के लिए बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा।

वेणुगोपाल बोले – अदानी घोटाले पर कुछ भी सुनना नहीं चाहती सरकार

इस बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया से बाचतीत में कहा, ‘यह सरकार अदानी घोटाले पर कुछ भी सुनना नहीं चाहती है। आज भी हमने इस घोटाले की जेपीसी जांच की मांग की। अगर सरकार दोषी नहीं है तो इस मुद्दे पर जेपीसी बनाने से क्यों भाग रही है?’

लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति मार्च

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सभी सांसद और नेता आज शाम लाल किले से टाउन हॉल तक ‘लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति मार्च’ में हिस्सा लेंगे। अगले 30 दिनों में देशभर में ब्लॉक, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भागीदारी से ‘जय भारत सत्याग्रह’ का आयोजन किया जाएगा।

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने आवास ‘10 राजाजी मार्ग’ पर अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ समान विचारधारा वाले सभी विपक्षी दलों के नेताओं को रात्रिभोज पर बैठक के लिए आमंत्रित किया था। इस बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, द्रमुक नेता टी.आर. बालू, तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ मांझी और कई अन्य विपक्षी नेता शामिल हुए थे।

हालांकि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का कोई सदस्य इस बैठक में शामिल नहीं हुआ। माना जा रहा है कि विनायक दामोदर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी के चलते उद्धव ठाकरे की पार्टी ने इस बैठक से दूरी बनाई थी।