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महाकुंभ में ‘कुप्रबंधन’ के मुद्दे पर हंगामे के बाद विपक्षी दलों ने राज्यसभा से किया बहिर्गमन

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नई दिल्ली, 3 फरवरी। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ में कथित ‘कुप्रबंधन’ के मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने सोमवार को राज्यसभा में भारी हंगामा किया और बाद में सदन से बहिर्गमन किया। सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत चर्चा के लिए कुल नौ नोटिस मिले हैं।

कांग्रेस के प्रमोद तिवारी और दिग्विजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष, समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास ने प्रयागराज महाकुंभ में कथित कुप्रबंधन के मुद्दे पर नोटिस दिए थे जबकि कांग्रेस के ही चंद्रकात हंडोरे और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संविधान और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के अपमान की बढ़ती घटनाओं पर नोटिस दिए थे।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पी संदोष कुमार ने केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी की एक अपमानजनक टिप्पणी के मुद्दे पर नोटिस दिया था। सभापति धनखड़ की ओर से सभी नोटिस अस्वीकार किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने हंगामा शुरु कर दिया।

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के कई सदस्य आसन के निकट आ गए और नारेबाजी शुरु कर दी। हंगामे के बीच ही धनखड़ ने शून्यकाल आरंभ कराया और थोड़ी देर बाद उपसभापति हरिवंश आसन पर आ गए। विपक्षी दलों के हंगामे के बीच कई सदस्यों ने शून्यकाल के तहत अपने-अपने मुद्दे उठाए। थोड़ी देर हंगामे के बाद विपक्षी दल सदन से बहिर्गमन कर गए।

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