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I.N.D.I.A. में शामिल विपक्षी दल बोले – गठबंधन पर पराजय का असर नहीं, लेकिन कड़ी मेहनत जरूरी

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नई दिल्ली, 4 दिसम्बर। लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के रूप में देखे जा रहे पांच राज्यों की कुल 680 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव का परिणाम भारतीय जनता पार्टी के लिए अति उत्साहजनक है। वजह, हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में जहां उसकी सरकार बनने जा रही है वहीं दक्षिण भारत का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले तेलंगाना में भी उसका जनाधार बढ़ा है। कुल मिलाकर भाजपा ने 680 विधानसभा सीटों में से 342 पर जीत हासिल की।

वहीं इन चुनाव परिणामों को कांग्रेस समेत 28 विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है।  लेकिन गठबंधन में शामिल विपक्षी दलों का मानना है कि इससे आम चुनाव पर असर नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने चंद महीने बाद होने वाले आम चुनाव के लिए कड़ी मेहनत करने की वकालत की है।

दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र के शुरुआती दिन सोमवार को पूर्वाह्न सभी विपक्षी दल संसद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में आयोजित बैठक में शामिल हुए। बैठक के बाद विपक्षी दलों ने कहा, ‘भले ही विधानसभा चुनाव परिणाम के अनुसार भाजपा को तीन राज्यों में जीत मिली है, लेकिन इसका असर I.N.D.I.A. ब्लॉक में शामिल करीब 28 दलों के गठबंधन पर नहीं पड़ेगा। हालांकि, विपक्ष ने यह भी स्वीकार किया है कि विपक्षी दलों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।

उल्लेखनीय है कि रविवार को हुई मतगणना के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस सरकारों को करारी शिकस्त मिली। माना जा रहा है कि भाजपा ने हिन्दी पट्टी में अपनी पकड़ मजबूत की है और सियासी पंडितों के अनुसार इन चुनाव परिणामों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए माहौल तैयार हो गया।

हालांकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा से मिली करारी हार के बाद कांग्रेस को कुछ राहत दक्षिण भारत में मिली। तेलंगाना में कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को मात देकर सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत हासिल किया।

फारूक अब्दुल्ला बोले – ‘हमें हारने के साथ-साथ जीतने वालों से भी सीखना चाहिए

चुनाव के नतीजों के एक दिन बाद I.N.D.I.A. में शामिल सबसे वरिष्ठ नेताओं में एक – नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘इस हार से गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इंडिया ब्लॉक में शामिल विपक्षी पार्टियों को और अधिक मेहनत करनी होगी। जीत और हार होती रहती है। हमें हारने के साथ-साथ जीतने वालों से भी सीखना चाहिए। भारत देश को एकजुट होना होगा। देश सभी के लिए है और हमें देश को मजबूत करने की जरूरत है।’

सभी दलों को समायोजन करना पड़ेगा, हमें एक साथ आगे बढ़ना होगा

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सामंजस्य न होने और अगले वर्ष प्रस्तावित आम चुनाव में इन चुनाव परिणामों के असर पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, ‘सभी दलों को समायोजन करना पड़ेगा। हमें एक साथ आगे बढ़ना होगा।’

I.N.D.I.A. में शामिल दलों के बीच कोई विरोधाभास नहीं : मनोज झा

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता मनोज झा ने भी कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजों का विपक्षी दलों के गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विधानसभा चुनाव राज्यों तक सीमित थे। इन्हें पीछे छोड़ देना चाहिए। राष्ट्रीय चुनाव कई अलग-अलग मुद्दों पर कराए जाएंगे। विधानसभा चुनाव परिणाम का लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।’ उन्होंने दावा किया कि I.N.D.I.A. में शामिल दलों के बीच  विरोधाभास नहीं है। गठबंधन की एकता सभी को समझनी होगी।

वेणुगोपाल बोले – कांग्रेस आत्मनिरीक्षण करेगी कि चुनाव में क्या गलतियां हुईं?

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उनकी पार्टी इस बात पर आत्मनिरीक्षण करेगी कि चुनाव में क्या गलतियां हुईं? उन्होंने कहा कि इस राजनीतिक पराजय का विपक्षी दलों के गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन न होने के सवाल पर केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘उन्हें शिकायत करने की आजादी है और कुछ शिकायतें वास्तविक भी हो सकती हैं। हम जरूरी सुधार के लिए तैयार हैं।’

चिराग ने नीतीश व बिहार में हुए जाति सर्वेक्षण को हार का जिम्मेदार ठहराया

वहीं विपक्षी दलों को मिली करारी शिकस्त पर बिहार के प्रमुख राजनीतिक दल – लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद चिराग पासवान ने प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि हार के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार में कराया गया जाति सर्वेक्षण जिम्मेदार है। उल्लेखनीय है कि पासवान INDIA ब्लॉक में शामिल नहीं हैं। उन्होंने जुलाई में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का दामन थाम लिया था।