नई दिल्ली, 8 नवम्बर। विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार द्वारा 2016 में की गई नोटबंदी को ‘आर्थिक नरसंहार और आपराधिक कृत्य’ करार दिया है। उल्लेखनीय है कि एनडीए सरकार ने 2016 में आज ही के दिन उच्च मूल्य के करेंसी नोटों को चलन से बाहर कर दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर, 2016 को 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। इस फैसले का मुख्य मकसद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और काले धन पर अंकुश लगाना तथा आतंकवाद के वित्तपोषण को खत्म करना था।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता और राज्यसभा में पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह कदम एक ‘नौटंकी’ था। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘6 साल पहले, आज ही के दिन। एक नौटंकी, जो आर्थिक नरसंहार साबित हुई। इस बारे में मैंने 2017 में मेरी किताब इनसाइड पार्लियामेंट में लिखा था।’ ब्रायन ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने फैसले को वापस लेने को कहा था।
6 years ago, today. A gimmick that turned out to be an economic genocide #demonetisation
Wrote about this in my book in 2017 #InsideParliament 👇@MamataOfficial called it first ‘withdraw this draconian decision’ minutes after announcement. Others agreed, but only weeks later pic.twitter.com/4j2ICluG9e
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) November 8, 2022
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह ‘सभी अच्छी समझ, सबूत और सलाह के विरुद्ध, नोटबंदी के आपराधिक कृत्य पर अपना ढोल पीट रही है।’
The sixth anniversary of Modi and his govt’s hubris, killing off the Indian economy. Demonetisation has resulted in chaos apart from a record high of cash in circulation. ₹30.88 lakh crore!👇🏾
The worst jumla of all – “This suffering is only for 50 days.” #Demonetisation pic.twitter.com/VDDvHxwIRW— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) November 8, 2022
येचुरी ने ट्वीट किया, ‘मोदी और उनकी सरकार के दर्प के छह साल, भारतीय अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया। नोटबंदी के परिणामस्वरूप अराजकता के अलावा रिकॉर्ड उच्च मात्रा में नकदी का चलन… सबसे खराब जुमला – ‘यह दुख सिर्फ 50 दिनों के लिए है।’
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता बिनय विश्वम ने भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि छह साल पहले बड़ी धूमधाम से नोटबंदी का कदम उठाया गया था तथा काला धन और आतंकवाद को समाप्त करने का वादा किया गया था। उन्होंने कहा कि अब यह जायजा लेने का वक्त समय है कि इससे देश को किस प्रकार मदद मिली।
भाकपा नेता ने एक ट्वीट में कहा, ‘अब उन वादों का जायजा लेने का समय आ गया है। प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि वह नोटबंदी पर श्वेत पत्र जारी करें।’