नई दिल्ली, 6 अप्रैल। संसद के बजट सत्र के अंतिम दिन विपक्षी सांसदों ने कारोबारी गौतम अडानी मामले पर मोदी सरकार द्वारा जेपीसी का गठन नहीं किए जाने को लेकर संसद से विजय चौक तक ‘तिरंगा मार्च’ निकाला। इस मार्च में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह समेत विपक्ष के कई सांसद शामिल हुए।
बहुमत के बावजूद जेपीसी गठन को लेकर भाजपा भयभीत
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘किन-किन देशों के प्रधानमंत्रियों और उद्योगपतियों से वे (अडानी) मिले? इस पर चर्चा होनी चाहिए। हम JPC की मांग कर रहे हैं। इसमें उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला था। उनके पास बहुमत है तो ज्यादा लोग आपके रहेंगे। इसके बावजूद वे (भाजपा) JPC से क्यों डर रहे हैं?’
कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘हमारा सामूहिक मुद्दा था कि अडानी को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है? अडानी की संपत्ति केवल 2.5 साल में 12 लाख करोड़ कैसे हुई? उन्होंने सरकार का पैसा और संपत्ति खरीदी है। क्यों मोदी जी एक ही व्यक्ति को इतनी चीजें दे रहे हैं?’ केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए खड़गे ने आगे कहा, ‘जब भी हम नोटिस देते थे और उस पर चर्चा की मांग करते थे तब वे हमें बोलने नहीं देते थे। ऐसा पहली बार हुआ है, मैंने 52 सालों में ऐसा कभी नहीं देखा। यहां दो साल से मैं देख रहा हूं कि खुद सत्तारूढ़ पार्टी के लोग विघ्न डालते हैं।’
अडानी सहित अन्य मुद्दों को लेकर बजट सत्र का दूसरा हिस्सा हंगामे की भेंट चढ़ा
लोकसभा की बैठक गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। बजट सत्र के दौरान सदन में कुल 45 घंटे 55 मिनट कामकाज हुआ। बजट सत्र का दूसरा हिस्सा हालांकि विपक्ष की अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग और लोकतंत्र को लेकर लंदन में राहुल गांधी द्वारा की गई एक टिप्पणी पर सत्ता पक्ष द्वारा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से माफी मांगने पर जोर देने के कारण हुए हंगामे की भेंट चढ़ गया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रस्तुत किया बजट सत्र के कामकाज का लेखजोखा
सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर काले कपड़े पहले कांग्रेस सदस्यों सहित कुछ विपक्षी दलों के सांसद आसन के समीप आकर जेपीसी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दौरान हुए कामकाज का लेखजोखा प्रस्तुत किया।
ओम बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा के 11वें सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई, जिस दिन राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण दिया। इस पर 13 घंटे 44 मिनट तक चर्चा चली और प्रधानमंत्री ने इसका जवाब दिया। सभा ने सर्वसम्मति से अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित किया। उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान सदन में लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक कामकाज हुआ।
2023-24 के बजट पर 14 घंटे 45 मिनट तक चर्चा हुई
लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि वित्त मंत्री ने एक फरवरी को वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। सदन में इस पर 14 घंटे और 45 मिनट तक चर्चा हुई और वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) ने इसका जवाब दिया। उन्होंने बताया कि सदन ने अनुदान की मांगों और संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी दी।
8 विधेयक पुन: स्थापित किए गए और 5 विधेयक पारित हुए
सत्र के दौरान आठ विधेयक पुन: स्थापित किए गए और पांच विधेयक पारित हुए। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान 29 तारंकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए और 133 लोक महत्व के विषय उठाये गए। स्थायी समितियों के 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गए। इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे।