नई दिल्ली, 13 अगस्त। संसद के मॉनसून सत्र के दौरान पेगासस जासूसी विवाद व कृषि कानून समेत कई मुद्दों पर राज्यसभा में सीमाओं से परे जाकर अनियंत्रित आचरण करने वाले कुछ विपक्षी सांसदों पर काररवाई हो सकती है। उच्च सदन के सभापति और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इस मामले पर जल्द फैसला करने का संकेत दिया है।
गौरतलब है कि निर्धारित से दो दिन पहले यानी 11 अगस्त को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए गए मॉनसून सत्र के बीच राज्यसभा में 10 और 11 अगस्त को कुछ विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया था। कृषि कानूनों को रद करने की मांग करते हुए कुछ सांसदों और सदन में तैनात मार्शलों के बीच धक्कामुक्की की घटनाएं भी सामने आई थीं।
एक विपक्षी सांसद ने आसन की ओर फेंक दिया था रूल बुक
इसी क्रम में एक विपक्षी सांसद ने मेज पर चढ़कर रूल बुक को भी आसन की ओर फेंक दिया था, जिसके बाद वेंकैया नायडू भावुक हो गए थे। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में विपक्ष ने केंद्र सरकार पर संसद में नहीं बोलने देने का आरोप लगाया था।
विपक्षी सांसदों के कथित अनियंत्रित हंगामे पर सभापति नायडू ने कहा, ‘सदन में विपक्ष और ट्रेजरी बेंच मेरी दो आंखों की तरह हैं और दोनों ही मेरे लिए एक समान हैं। दो आंखों से एक उचित दृष्टि संभव है और मेरी ओर से दोनों पक्षों को समान सम्मान दिया जाता है। ऐसे में कई अवसरों पर कहा भी है कि सदन के सही तरीके से चलने के लिए दोनों पक्षों की सामूहिक जिम्मेदारी थी।’
बाहर की राजनीतिक लड़ाई के लिए सभा पटल नहीं
मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में कुछ अनियंत्रित दृश्यों के खिलाफ काररवाई पर विचार किए जाने के संदर्भ में पूछे जाने पर नायडू ने कहा कि इस पर विस्तृत विचार चल रहा है और जल्द से जल्द उचित फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सदन चर्चा और बातचीत के लिए होता है और बाहर की राजनीतिक लड़ाई सभा पटल पर नहीं लड़ी जानी चाहिए।
विधेयकों को सदन की सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने के सवाल पर नायडू ने कहा कि जब भी सदन में ऐसे मामलों पर मतभेद बने रहते हैं तो सदन सामूहिक रूप से फैसला लेता है और सभापीठ इसके लिए मजबूर नहीं कर सकती।