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विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा पत्र, केंद्र पर लगाया जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप, तत्काल हस्तक्षेप की अपील

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नई दिल्ली, 26 जुलाई। देश की नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यभार संभालते ही विपक्ष ने उनके सामने अपनी पहली फरियाद रख दी है। इस क्रम में विपक्षी दलों ने मंगलवार को राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उनसे तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है।

हालांकि मंगलवार का दिन राष्ट्रपति मुर्मू  के लिए काफी व्यस्त रहीं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अनेक नेताओं ने राष्ट्रपति भवन जाकर उनसे शिष्टाचार भेंट की। पीएम मोदी के अलावा पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल और कई राज्यों के राज्यपालों ने राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें बधाई दी।

मौजूदा सरकार लगातार विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही

फिलहाल विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा लिखी चिट्ठी में राष्ट्रपति मुर्मू से अपील की गई है कि मौजूदा सरकार लगातार विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है और इसके लिए वो केंद्रीय एजेंसियों, मसलन केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय का दुरुपयोग कर रही है।

चिट्ठी में सरकार के जिद्दी रवैये का भी उल्लेख

विपक्ष ने इस पत्र में सरकार द्वारा संसद में कई मुद्दों पर अपनाये जा रहे ‘जिद्दी रवैये’ का भी उल्लेख किया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार देश में महंगाई, मूल्य वृद्धि और जीएसटी वृद्धि जैसे गंभीर विषयों पर चर्चा से बचने का प्रयास कर रही है और इसके लिए संसद में चर्चा के लिए अनुमति नहीं दे रही है, जिसके कारण संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही बाधित हो रही है।

कांग्रेस, आप, माकपा और राजद की ओर से लिखा गया है पत्र

राष्ट्रपति को यह चिट्ठी कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, माकपा और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से लिखी गई है। इस पत्र में कहा गया है, ‘महामहिम राष्ट्रपति महोदया हम आपके ध्यान में मोदी सरकार द्वारा अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रतिशोध की मंशा से केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा निरंतर और तीव्र दुरुपयोग किया जा रहा है। इसलिए आपको पत्र लिखकर मौजूदा हालात में केंद्र सरकार की कार्यशैली से आपको अवगत कराया जा रहा है।’

स्वस्थ्य लोकतंत्र की परंपरा को बचाने के लिए राष्ट्रपति फौरन हस्तक्षेप करें

पत्र में विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपील की है कि वह इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल संज्ञान लें और स्वस्थ्य लोकतंत्र की परंपरा को बचाने के लिए फौरन आवश्यक हस्तक्षेप करें।

कानून के गलत इस्तेमाल पर तत्काल रोक लगनी चाहिए

विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्र सरकार इस बात को समझने का प्रयास करे कि कानून कानून है और इसे बिना किसी डर या पक्षपात के समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। लेकिन कानून का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए और इसके बेजा उपयोग पर तत्काल लगाम लगानी चाहिए क्योंकि वर्तमान सरकार के समय में इसका मनमाने ढंग से, चुनिंदा मामलों में और बिना किसी औचित्य के केवल और केवल विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ किया जा रहा है।

वैचारिक-राजनीतिक रूप से लड़ने वाली ताकतों को कमजोर करना ही केंद्र का उद्देश्य

विपक्षी नेताओं ने केंद्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, ‘केंद्र की दूषित मानसिकता से चलाये जा रहे अभियान का एकमात्र उद्देश्य विपक्षी नेताओं की प्रतिष्ठा को नष्ट करना और भाजपा के खिलाफ वैचारिक और राजनीतिक रूप से लड़ने वाली ताकतों को कमजोर करना है। हमारा एक ही प्रयास है कि देश के लोगों का ध्यान आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में हो रही वृद्धि, बढ़ती बेरोजगारी और आजीविका के नुकसान के साथ-साथ जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति की बढ़ती असुरक्षा के प्रति उन्हें जागरूक किया जा सके।’

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