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विपक्ष ने बजट में भेदभाव का लगाया आरोप, संसद की सीढ़ियों पर किया विरोध-प्रदर्शन

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नई दिल्ली, 24 जुलाई। विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के घटक दलों ने केंद्रीय बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ ‘भेदभाव और अन्याय’ का आरोप लगाया है और इन दलों के सांसदों ने बुधवार को संसद भवन की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित अन्य विपक्षी दलों के सांसद शामिल हुए। हालांकि भारी हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा में बजट पर चर्चा जारी है।

खरगे बोले – यह बजट जनविरोधी है, किसी को न्याय नहीं मिला

विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि यह बजट जनविरोधी है। उन्होंने कहा, ‘किसी को न्याय नहीं मिला है। बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा तो मिला नहीं।’ यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी दल बजट पर चर्चा में भाग लेंगे तो खड़गे ने कहा, ‘हम प्रदर्शन करेंगे। फिर देखते हैं।’

बचाव में रिजिजू ने कहा – यह सिर्फ 1 या 2 राज्यों का नहीं, पूरे देश का बजट है

वहीं केंद्रीय बजट पर सरकार का बचाव करते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में कहा, ‘बजट बहुत शानदार है और सभी ने इसका स्वागत किया है। विपक्ष यह कहकर गुमराह करने की कोशिश कर रहा है कि यह सिर्फ 2 राज्यों का बजट है। बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का आवंटन 1-2 राज्यों के लिए नहीं है, यह पूरे देश के लिए है। बुनियादी ढांचे से लेकर चिकित्सा, मध्यम वर्ग के लोगों को छूट देना, किसानों को दी जाने वाली सुविधाएं या आदिवासियों को अलग पैकेज देना, यह सब देश के लिए किया गया है। यह कहना गलत है कि केंद्रीय बजट 1 या 2 राज्यों के लिए है।”

इसके पूर्व खड़गे के आवास पर मंगलवार की शाम विपक्षी ब्लॉक I.N.D.I.A. के घटक दलों के सदन के नेताओं की बैठक में इस मुद्दे को लेकर संसद के बाहर और भीतर विरोध जताने का फैसला किया गया था। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसी मुद्दे को लेकर मंगलवार को कहा था कि 27 जुलाई को नीति आयोग की होने वाली बैठक का कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बहिष्कार करेंगे।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति इस सरकार का रवैया पूरी तरह से अनैतिक है। इससे पहले द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के.स्टालिन एवं कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की थी।