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ऑपरेशन ब्रह्मा: एनडीआरएफ टीम ने उह्ला थीन मठ में बचाव अभियान किया शुरू

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नेपीडॉ, 31 मार्च । विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोमवार को बताया कि भारत की राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) टीम ने म्यांमार के मांडला स्थित उहला थीन मठ में ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत बचाव अभियान शुरू कर दिया है, जहां लगभग 170 भिक्षु अभी भी फंसे हुए हैं।

भारतीय सेना की टीम सोमवार को अस्पताल का दौरा करेगी और मंगलवार को अपनी चिकित्सा सेवाएं स्थापित करेगी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, एनडीआरएफ स्काई विला में भी टीम तैनात करने का प्रयास कर रहा है, जहां 11-11 मंजिलों वाले चार टावर ढह गए हैं। टावरों में कई विदेशी लोग हैं। इसके अलावा, राहत सामग्री (कल पहुंचने वाली) राज्य महानायक समिति (म्यांमार में समिति की दूसरी सबसे बड़ी समिति) के महासचिव को भी दी जाएगी, जहां मठ के बाहर लगभग 2,000 भिक्षु बैठे हैं। भिक्षुओं को कोई चोट नहीं आई है, लेकिन उनके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है और न ही उनके पास कोई बुनियादी सुविधाएं हैं।

बयान के अनुसार, मंडाले पैलेस, महा मुनि पैगोडा, एमआईआईटी तथा अन्य ऐसे स्थानों पर भी टीमें तैनात की जाएंगी, जहां भारी क्षति हुई है। ये टीमें भारतीय समुदाय के सदस्यों को रहने और भोजन के लिए सहायता प्रदान कर रही हैं।

दरअसल, म्यांमार में 28 मार्च को दोपहर में आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद बचाव कार्य जारी हैं। इस भूकंप में कम से कम 1,700 लोगों की मौत हो गई है और व्यापक पैमाने पर विनाश हुआ है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप का असर बैंकॉक और चीनी प्रांतों तक महसूस किया गया तथा कई लोग घायल हो गए या मलबे में फंस गए।

वहीं, देश की सैन्य सरकार के अनुसार, कम से कम 1,700 लोग मारे गए हैं और लगभग 3,400 घायल हुए हैं। लगभग 300 लोग अभी भी लापता हैं। सीएनएन के अनुसार, संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने अनुमान लगाया है कि प्रारंभिक मॉडलिंग के आधार पर अंतिम मृत्यु दर 10,000 से अधिक हो सकती है। भूकंप का केंद्र म्यांमार के मध्य सागाइंग क्षेत्र में स्थित था, जो ऐतिहासिक शहर मांडले के पास है। वहीं, 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों के घर वाला यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जहां कई इमारतें, पुल और मंदिर नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

बैंकॉक में भूकंप का प्रभाव विनाशकारी था, जिसमें कम से कम 18 लोग मारे गए तथा दर्जनों लोग एक ढही हुई ऊंची इमारत के मलबे में फंस गए। यह निर्माणाधीन इमारत कुछ ही मिनटों में ढह गई, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई।

म्यांमार में आया भूकंप देश में एक सदी से भी ज़्यादा समय में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था, जिसकी तीव्रता 7.7 थी। इसके बाद कई झटके आए, जिनमें 6.7 तीव्रता का भूकंप भी शामिल था, जो पूरे सप्ताहांत तक क्षेत्र में थर्राता रहा।

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