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योगी मंत्रिमंडल का इकलौता मुस्लिम चेहरा : मोहसिन रजा की जगह दानिश आजाद अंसारी की एंट्री

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लखनऊ, 25 मार्च। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मुस्लिम चेहरे रहे मोहसिन रजा को इस बार कैबिनेट में जगह नहीं मिल सकी। उनकी जगह दानिश आजाद अंसारी योगी सरकार में इकलौते मुस्लिम चेहरा रहेंगे, जिन्होंने शुक्रवार को राज्य मंत्री की शपथ ली। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा उठने लगी है कि आखिर किन वजहों से योगी कैबिनेट से मोहसिन रजा की छुट्टी हो गई है। साथ ही दानिश आजाद में क्या खासियत रही, जिन्हें मंत्री बनाया गया है।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महासचिव हैं दानिश आजाद

दरअसल, दानिश आजाद अंसारी छात्र राजनीति से आए हैं और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महासचिव हैं। पूर्वांचल के बलिया से आने वाले दानिश आजाद मुस्लिम ओबीसी के अंसारी जाति से आते हैं। उन्हें बीजेपी की पसमांदा राजनीति के लिए मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है।  वह योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भाषा समिति के सदस्य रहे हैं।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति की शुरुआत

हालांकि दानिश आज़ाद लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले दानिश आजाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में विभिन्न पदों पर रहे। सूबे में 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद उन्हें भाषा समिति का सदस्य बनाया गया। उन्होंने अल्पसंख्यक समाज और युवाओं में अपनी सक्रियता लगातार बनाए रखी है। यही वजह थी कि बीते विधानसभा चुनावों को देखते हुए उन्हें पार्टी ने प्रदेश महामंत्री का पद दिया था।

अंसारी समुदाय से आते हैं दानिश

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के महासचिव रहते हुए दानिश आजाद ने अहम भूमिका अदा की है। पार्टी ने अपने सियासी एजेंडे के तहत अब उन्हें कैबिनेट में शामिल किया है। मोदी सरकार के बनने के बाद से बीजेपी का फोकस मुस्लिम पसमांदा जाति पर है, जिसके लिए मोहसिन रजा की जगह दानिश आजाद को लाया गया है। मोहसिन रजा शिया और मुस्लिम सवर्ण जाति से आते हैं जबकि दानिश मुस्लिम ओबीसी के अंसारी समुदाय से आते हैं।

यूपी में अंसारी समुदाय की बड़ी आबादी

मुस्लिमों में सबसे बड़ी आबादी यूपी में अंसारी समुदाय की है, लेकिन सत्ता में भागीदारी उनकी आबादी से कम है। ऐसे ही पसमांदा समुदाय की दूसरी जातियों के जगह मुस्लिम समुदाय की सवर्ण जातियां शेख, पठान, सैय्यद, मुस्लिम राजपूत और मुस्लिम त्यागी हावी हैं। ऐसे में भाजपा की नजर ओबीसी मुस्लिम समुदाय पर है, जिन्हें साधने के लिए वह तमाम कवायद कर रही है।

इसी कड़ी में योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन का पद सैफी समुदाय को सौंपा गया है तो बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के तमाम पदों में उन्हें जगह दी गई है। ऐसे में अब योगी सरकार में अंसारी समुदाय से आने वाले दानिश आजाद को मंत्री बनाकर पार्टी ने बड़ा सियासी दांव चल दिया है।

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