लखनऊ, 8 अप्रैल। लोक कल्याण संकल्प पत्र में हर परिवार को एक रोजगार या स्वरोजगार का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी है। अधिक से अधिक युवाओं को उद्यमिता से जोड़ने के लिए योगी सरकार ने निर्णय लिया है कि महाविद्यालयों में भी आनलाइन उद्यमिता पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। इससे वह खुद आत्मनिर्भर बनेंगे और दूसरों को भी रोजगार दे सकेंगे।
अपने संकल्प पर आगे बढ़ते हुए सरकार ने अब तक जो खाका खींचा है, उसमें युवाओं को उद्यमी बनाने में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के साथ-साथ एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी), विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसमें प्रशिक्षण और प्रशिक्षण पाने वाले युवाओं को समय से उदार शर्तों पर पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी।
इसी क्रम में महाविद्यालय स्तर पर सरकार उद्यम लगाने के इच्छुक युवाओं के लिए तय अवधि का एक आनलाइन उद्यमिता पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रही है। इस योजना के जरिए प्रशिक्षण पाने वालों को सरकार से संबंधित संस्था प्रमाण पत्र देगी। उद्यमिता के इच्छुक युवाओं को बैंक लिंकेज से लेकर जरूरत के अनुसार अन्य मदद भी सरकार की ओर से की जाएगी।
इसी तरह माटी कला बोर्ड और विश्वकर्मा श्रम सम्मान के तहत प्रशिक्षण पाने वाले युवाओं की संख्या भी दोगुनी की जाएगी। प्रशिक्षण के लिए आने वाले युवाओं को बैंक से उद्यम लगाने के लिए पूंजी पाने में दिक्कत न हो, इसके लिए बैंकों से पहले ही विभाग समन्वय बनाकर ऋण का आवेदन मंगवा लेंगे। फिर प्रशिक्षण केंद्र पर ही फार्म भरवाया जाएगा। फिर युवा उद्यमी के खाते में ऋण का पैसा न आने तक अधिकारी लगातार बैंक से समन्वय बनाए रखेंगे।
दो वर्ष में दो लाख युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण : सरकार द्वारा अगले दो वर्ष में दो लाख युवाओं को प्रशिक्षण देकर उद्यमी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। दावा है कि योगी सरकार-1 में प्रदेश के तीन करोड़ से अधिक युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार दिया गया था। अकेले एक जिला एक उत्पाद योजना से ही 25 लाख से अधिक रोजगार-स्वरोजगार के अवसर तैयार किए गए थे।