मुंबई, 17 जुलाई। संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से ठीक दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर उनसे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार की मुलाकात को लेकर महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर तेज हो गया है। हालांकि राज्य में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने कहा है कि दोनों पार्टिया किसी नदी के दो छोर के समान हैं और कभी एक साथ नहीं आ सकीं। मलिक ने यह भी कहा कि दोनों नेताओं के बीच बैंक नियामक प्राधिकरण में हुए परिवर्तन को लेकर चर्चा की गई।
पवार भी बोले – किसी राजनीतिक विषय पर चर्चा नहीं हुई
पीएम मोदी के साथ लगभग एक घंटे तक चली बैठक के बाद शरद पवार ने भी कहा कि यह एक आधिकारिक मुलाकात थी और इस दौरान किसी राजनीतिक विषय पर चर्चा नहीं हुई। पवार ने बीते दिनों पीएम मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें आरबीआई की तरफ से कोऑपरेटिव बैंकों की निगरानी संबंधी चर्चा की गई है। पत्र में पवार ने जिक्र किया है कि यह प्रदेश के अधिकार में दखल देने जैसा है। कोऑपरेटिव बैंक राज्य सरकारों के अधीन आते हैं। पवार का कहना है कि सहकारी बैंकों के अस्तित्व और उनके सहकारी स्वरूप की रक्षा की जानी चाहिए।
पीएम मोदी व पवार की मुलाकात को लेकर कुछ लोग गुमराह कर रहे
नवाब मलिक ने कहा कि पवार और मोदी की मुलाकात के बारे में कई लोग गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पवार की मुलाकात के पीछे महाराष्ट्र के विपक्षी नेताओं की भूमिका है। यह झूठ है कि दिल्ली में पवार साहब और महाराष्ट्र के विपक्षी नेताओं के बीच कोई बैठक हुई है।
भाजपा और एनसीपी का एक साथ आना असंभव
मलिक ने कहा, ‘भाजपा और एनसीपी एक नदी के दो छोर हैं। जब तक नदी में पानी है, तब तक दोनों साथ नहीं आ सकते। हम वैचारिक और राजनीतिक रूप से बिल्कुल अलग हैं। राजनीति विचारों के आधार पर होती है। संघ का राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादी पार्टी के राष्ट्रवाद में जमीन-आसमान का अंतर है। नदी के दो छोर कभी नहीं मिल सकते, ये सच्चाई है।भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक साथ आना असंभव है।’
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने सहकारिता का नया मंत्रालय बनाया है, जिसे गृह मंत्री अमित शाह देख रहे हैं। शरद पवार ने पीएम मोदी से पहले राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। दो दिन पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी शरद पवार से उनके घर पर मुलाकात की थी। यही वजह है कि इन मुलाकातों के राजनीतिक निहितार्थ खोजे जा रहे हैं।