उज्जैन, 1 जनवरी। नव वर्ष 2023 के पहले दिन ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में सुबह होते ही साल की पहली भस्मा आरती हुई। इसके बाद भगवान के दर्शन के लिए सामान्य दर्शनार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ा। समय के साथ दर्शनार्थियों की संख्या ने दोपहर उपरांत ही पूर्व के सभी अवसरों पर मंदिर आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या का रेकार्ड ध्वस्त कर दिया।
अपराह्न तक 3.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार अपराह्न तक 3.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। रात 10 बजे तक और 1.5 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए आने की संभावना है।
प्रशासन को कई बार प्रवेश व्यवस्था बदलनी पड़ी
नव वर्ष के पहले दिन महाकाल दर्शन के लिए देश के विभिन्न कोनों से से श्रद्धालुओं का आगमन हुआ। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए प्रशासन को कई बार प्रवेश व्यवस्था बदलनी पड़ी। मंदिर समिति ने औसत 40 मिनट में दर्शन का दावा किया है। सामान्य श्रद्धालुओं को त्रिवेणी संग्रहालय महाकाल लोक से दर्शनों के लिए प्रवेश दिया गया। डबल बैरिकेडिंग में दो-दो की कतार से लाइन लगातार चल रही है।
महाकाल क्षेत्र के सभी गली-मोहल्लों में दर्शनार्थियों की भीड़
महाकाल क्षेत्र के सभी गली-मोहल्लों में दर्शनार्थियों की भीड़ देखने को मिली। नए साल के स्वागत का उत्साह और भगवान महाकालेश्वर के दर्शन का इतना उत्साह लोगों में था कि कोरोना का खौफ तक नहीं दिखा। मंदिर में तड़के भगवान श्री महाकाल की भस्मारती हुई। सैकड़ों लोगों ने भस्मारती दर्शन किए। महाकालेश्वर के दर्शन करने पहुंचे लोग मंदिर खुलने के समय से पूर्व ही लाइन में खड़े हो चुके थे।
महाकाल लोक बनने के बाद पहली बार इतनी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन
वस्तुतः महाकाल लोक बनने के उपरांत पहली बार इतनी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हुआ है। मंदिर समिति द्वारा सामान्य दर्शनार्थियों का प्रवेश त्रिवेणी संग्रहालय के सामने से महाकाल लोक होते हुए मानसरोवर की ओर से दिया गया। मानसरोवर हॉल में इंट्री के बाद झिकझेक में होते हुए लोगों को टनल के रास्ते पुराने निर्गम गेट से होते हुए मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा है वहीं निर्गम के लिए आपात गेट खोलकर सीधे निर्गम द्वार तक ले जाकर लोगों को महाकाल लोक के रास्ते धनुष द्वार से बाहर किया जा रहा है।
खास बात यह कि मंदिर परिसर में किसी को भी इंट्री नहीं दी गई। बड़ा गणेश घाटी वाले मार्ग पर गेट नंबर 4 और 5 स्थित हैं। गेट नं. 4 से सशुल्क व वीआईपी, प्रोटोकॉल वाले दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया और निर्गम गेट भी यहीं से रखा गया।