महाकुम्भ नगर, 13 जनवरी। संगम नगरी प्रयागराज में पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ महाकुम्भ मेला सोमवार से प्रारंभ हो गया। मेल प्रशासन के अनुसार सोमवार को शाम छह बजे तक 1.65 करोड़ श्रद्धालु गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके थे। इस दौरान, श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए।
सीएम योगी ने महाकुम्भ के प्रथम स्नान की शुभकामनाएं दीं
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी श्रद्धालुओं, संत महात्माओं, कल्पवासियों और आगंतुकों का स्वागत करते हुए महाकुम्भ के प्रथम स्नान की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने महाकुम्भ को भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक बताया।
स्नान पर्वों पर लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियां बरसाने की तैयारी
इस बीच मेला प्रशासन ने बताया कि महाकुम्भ 2025 के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को शाम छह बजे तक कुल 44 घाटों पर 1.65 करोड़ श्रद्धालु ने पवित्र संगम में डुबकी लगा चुके थे। देर रात तक संगम तट पर श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी रहा। मेला प्रशासन के अनुसार पहले स्नान पर्व के दौरान सभी घाटों और अखाड़ों पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की गई। उद्यान विभाग ने पुष्पवर्षा के लिए खासतौर पर गुलाब की पंखुड़ियों की व्यवस्था की थी और महाकुम्भ के सभी स्नान पर्वों पर लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियां बरसाने की तैयारी है।
पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए तीर्थ पुरोहित राजेंद्र मिश्र ने बताया कि पौष माह के शुक्ल पक्ष के 15वें दिन पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान से सभी तरह के पाप मिट जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘पौष पूर्णिमा के साथ एक माह तक चलने वाला कल्पवास भी आज से प्रारंभ हो गया। इस दौरान लोग एक माह तक तीनों समय गंगा स्नान कर एक प्रकार का तप वाला जीवन व्यतीत करते हैं और भगवान के भजन गाते हैं।’
पीएम मोदी बोले – महाकुम्भ भारत की सनातन विरासत का प्रतीक
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘भारतीय मूल्यों और संस्कृति को धारण करने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक विशेष दिवस महाकुम्भ 2025 प्रयागराज में प्रारंभ हो चुका है, जहां असंख्य लोग आस्था, समर्पण और संस्कृति के एक पवित्र संगम में एकत्र हो रहे हैं। महाकुम्भ भारत की सनातन विरासत का प्रतीक है। मैं असंख्य लोगों के वहां आकर डुबकी लगाते और संतों का आशीर्वाद लेते देखकर अभिभूत हूं। सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के शानदार प्रवास की कामना करता हूं।’
मेला क्षेत्र में स्नान के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ अखाड़ों में नागा साधुओं का आशीर्वाद लेती हुई दिखी। वहीं, सेक्टर-16 में स्थित किन्नर अखाड़ा में भी भारी संख्या में लोग किन्नर संतों का आशीर्वाद लेने पहुंचे। राजस्थान के बालोत्रा जिले से 11 लोगों की टोली लेकर किन्नर अखाड़ा पहुंचे दिलीप कुमार ने बताया कि वह पहली बार इस मेले में आए हैं और किन्नर अखाड़ा का बोर्ड देखकर अपने साथियों के साथ यहां पहुंचे। उन्होंने कहा, “किन्नर अखाड़ा में साधु-संतों को सनातन धर्म का प्रचार करते देख अच्छा लग रहा है। यह समाज काफी समय से उपेक्षित रहा, लेकिन कुम्भ ने इन्हें संत के रूप में अपनाया, जो सराहनीय है।”
मुंबई से पहली बार किन्नर अखाड़े में आए लाल जी भाई भानुशाली ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से इस शिविर के बारे में पता चला। भानुशाली ने कहा कि मुंबई और कच्छ (गुजरात) से 1,500 लोग उनके साथ महाकुम्भ में आए हैं और बारी-बारी से ये सभी लोग किन्नर अखाड़े को देखने जा रहे हैं। भानुशाली ने मेले की व्यवस्था को लेकर योगी सरकार और मेला प्रशासन की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘किसी अन्य सरकार के शासन में इतनी साफ-सफाई और शौचालय, पेयजल आदि बुनियादी सुविधाओं की ऐसी व्यापक व्यवस्था की उम्मीद नहीं की जा सकती थी। मुख्यमंत्री योगी जी ने बहुत शानदार और अद्भुत व्यवस्था की है।’

