नई दिल्ली, 5 सितम्बर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक दिवस के अवसर पर गुरुवार को यहां विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में देशभर के 50 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति मुर्मु ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों को ऐसे नागरिक तैयार करने होंगे, जो न केवल शिक्षित हों बल्कि संवेदनशील, ईमानदार और उद्यमी भी हों।
छात्रों को संवेदनशील, ईमानदार व उद्यमी बनाना भी शिक्षकों का कर्तव्य
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘जीवन में आगे बढ़ना सफलता है, इसके साथ-साथ जीवन की सार्थकता दूसरों के कल्याण के लिए काम करने में है। हमारे अंदर करुणा होनी चाहिए। हमारा आचरण नैतिक होना चाहिए। सार्थक जीवन में ही सफल जीवन निहित होता है। छात्रों को ये मूल्य सिखाना शिक्षकों का कर्तव्य है।’
President Droupadi Murmu conferred National Awards on teachers from across the country at a function held in New Delhi on Teachers’ Day. Emphasising that teaching is a sacred mission of human development, the President said that teachers should identify the natural talent of each… pic.twitter.com/eYLCZVJKoI
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 5, 2024
शिक्षण केवल एक नौकरी मात्र नहीं बल्कि मानव विकास का पवित्र मिशन
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि किसी भी शिक्षा व्यवस्था की सफलता में शिक्षकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षण केवल एक नौकरी मात्र नहीं है बल्कि यह मानव विकास का एक पवित्र मिशन है। अगर कोई बच्चा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है तो शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों की जिम्मेदारी और भी बड़ी हो जाती है।
शिक्षक प्रत्येक बच्चे की स्वभाविक प्रतिभा पहचानें और उसे मौका दें
उन्होंने कहा कि अक्सर शिक्षक केवल उन्हीं छात्रों पर विशेष ध्यान देते हैं, जो परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। हालांकि, उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन उत्कृष्टता का केवल एक आयाम है। कोई बच्चा बहुत अच्छा खिलाड़ी हो सकता है, किसी बच्चे में नेतृत्व कौशल हो सकता है, कोई बच्चा सामाजिक कल्याण गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लेता है। शिक्षक को प्रत्येक बच्चे की स्वभाविक प्रतिभा को पहचानना और उसे मौका देना चाहिए।
LIVE: President Droupadi Murmu’s address at the presentation of National Awards to teachers in New Delhi https://t.co/C7wzJ8ea8t
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 5, 2024
निरंतर ज्ञान अर्जित करने वाला सही मायने में शिक्षण कर सकता है
उन्होंने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के अनुसार यदि कोई शिक्षक स्वयं निरंतर ज्ञान अर्जित नहीं करता तो वह सही मायने में शिक्षण नहीं कर सकता। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी शिक्षक ज्ञान अर्जित करने की प्रक्रिया को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से उनका शिक्षण अधिक प्रासंगिक और रोचक बना रहेगा।
महान शिक्षक एक महान राष्ट्र का निर्माण करते हैं
राष्ट्रपति ने कहा कि महान शिक्षक एक महान राष्ट्र का निर्माण करते हैं। केवल विकसित मानसिकता वाले शिक्षक ही ऐसे नागरिक तैयार कर सकते हैं, जो एक विकसित राष्ट्र का निर्माण करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि छात्रों को प्रेरित करके हमारे शिक्षक भारत को दुनिया का ज्ञान केंद्र बनाएंगे।