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उमर अब्दुल्ला बोले – ‘हमने कभी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े नहीं किए और न ही कभी ऐसा करेंगे’

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रामबन (जम्मू-कश्मीर), 27 जनवरी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी ने कभी भी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल नहीं उठाए और न ही वह भविष्य में ऐसा करेंगे। राहुल गांधी की अगुआई में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के दौरान बनिहाल में पत्रकारों से बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है। यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। हमने कभी भी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल नहीं उठाए और न ही कभी ऐसा करेंगे।’

उमर अब्दुल्ला का यह बयान उस समय आया है, जब हाल ही में कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा था कि केंद्र ने कभी भी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत देश के सामने नहीं रखा। इस बयान को राहुल गांधी समेत कांग्रेस के अन्य बड़े नेताओं ने दिग्विजय का निजी बयान बताते हुए दूरी बना ली थी। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने भी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत दिखाने की मांग की है।

दिग्विजय के बाद राशिद अल्वी ने सर्जिकल स्ट्राइक का मांगा वीडियो सबूत

राशिद अल्वी ने शुक्रवार को एक समाचार एजेंसी से कहा, ‘सरकार कहती है कि उसके पास एक वीडियो (सर्जिकल स्ट्राइक का) है तो इसमें क्या गलत है कि दिग्विजय सिंह सरकार को इसे दिखाने के लिए कह रहे हैं? हम (स्ट्राइक का) सबूत नहीं मांग रहे हैं, लेकिन सरकार को वह वीडियो दिखाना चाहिए, जिसका वह दावा करती है।’

देश को सुरक्षा बलों पर भरोसा, लेकिन भाजपा सरकार पर नहीं

राशिद अल्वी ने कहा कि देश को सुरक्षा बलों पर भरोसा है, लेकिन भाजपा सरकार पर भरोसा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘हमें अपने सुरक्षा बलों पर भरोसा है, लेकिन हम भाजपा सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते।’

राशिद अल्वी ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर विभिन्न मंत्रियों के बयानों पर भी सवाल उठाए। अल्वी ने कहा, ‘सरकार में मंत्री रहीं सुषमा स्वराज ने कहा था कि एयर स्ट्राइक ऐसी जगह की गई, जहां किसी के मारे जाने की आशंका नहीं थी। अमित शाह का दावा है कि एयर स्ट्राइक में 300 से ज्यादा आतंकी मारे गए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि हवाई हमले में 400 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे।’

वीडियो सबूत नहीं तो माफी मांगे केंद्र सरकार

अल्वी ने कहा कि ये बयान अलग-अलग हैं और इसलिए यदि सरकार वीडियो सबूत होने का दावा करती है तो उसे दिखाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘इन विरोधाभासी बयानों से सवाल उठता है कि सर्जिकल एयर स्ट्राइक में वास्तव में क्या हुआ था। इसलिए सरकार अगर दावा करती है कि उसके पास हवाई हमले के वीडियो सबूत हैं तो उसे इसे सार्वजनिक करना चाहिए। लेकिन अगर उनके पास अपने दावों को साबित करने के लिए कोई वीडियो सबूत नहीं है, तो सरकार को माफी मांगनी चाहिए।’

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