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जम्मू-कश्मीर : उमर अब्दुल्ला चुने गए एनसी विधायक दल के नेता, कल होगी गठबंधन के साझेदारों की बैठक

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श्रीनगर, 10 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को गुरुवार को यहां सर्वसम्मति से एनसी विधायक दल का नेता चुन लिया गया। अब राज्य में सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए शुक्रवार को गठबंधन के साझेदारों की बैठक होगी। पार्टी के अध्यक्ष व उमर अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला ने यहां यह जानकारी दी।

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि एनसी के नवनिर्वाचित विधायकों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अपना नेता चुनने के लिए पार्टी के मुख्यालय नवा-ए-सुबह में बैठक की, जिसमे उमर अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से दल का नेता चुना गया। सरकार गठन की प्रक्रिया को लेकर आगे बढ़ने के लिए शुक्रवार को चुनाव पूर्व गठबंधन के साझेदारों – एनसी, कांग्रेस व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की बैठक होगी।

उल्लेखनीय है कि 10 वर्ष बाद हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 जबकि उसके गठबंधन साझेदारों – कांग्रेस ने छह और माकपा ने एक सीट जीती है। इस तरह 95 सदस्यीय विधानसभा (पांच मनोनीत विधायक सहित) में गठबंधन ने 49 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया है। कुल 90 सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 51 पर चुनाव लड़ा और 32 सीटें अपनी सहयोगी कांग्रेस को दी, जबकि एक-एक सीट सीपीआई (एम) और पैंथर्स पार्टी को दी थी। पांच सीटों पर कांग्रेस और एनसी के बीच दोस्ताना मुकाबला हुआ था।

जल्द पेश करेंगे सरकार बनाने का दावा

अब नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस व सीपीआई (एम) विधायकों की शुक्रवार को होने वाली संयुक्त बैठक में गठबंधन के विधायक दल का नेता चुना जाएगा। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में भी उमर अब्दुल्ला को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद गठबंधन के नेता सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। एनसी विधायक दल की बैठक से पहले उमर अब्दुल्ला ने कहा था, ‘हम सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राजभवन जाएंगे और उप राज्यपाल से शपथ ग्रहण के लिए समय तय करने के लिए कहेंगे।’

भाजपा निभाएगी विपक्ष की भूमिका

इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर में पहली बार भाजपा की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई नेता प्रतिपक्ष होगा। भाजपा ने राज्य में 29 सीटें जीती है जबकि पीडीपी को सिर्फ तीन सीटें मिली हैं। राज्य में भाजपा दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। पार्टी ने पहले ही कह दिया था कि वह विपक्ष की भूमिका निभाएगी।

वैसे जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी भी पहली बार खाता खोलने में सफल हुई है। ‘आप’ को एक सीट मिली है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि ‘आप’ गठबंधन के साथ रहेगी या फिर विपक्ष में बैठेगी क्योंकि राज्य में ‘आप’ ने अपने बल पर अकेले चुनाव लड़ा था।

4 निर्दलीय विधायकों का भी एनसी को समर्थन का एलान

इस बीच सात निर्दलीय विधायकों में से चार ने गुरुवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने का एलान किया। ये चार निर्दलीय – इंदरवल से प्यारे लाल शर्मा, छम्ब से सतीश शर्मा, सूरनकोट से मोहम्मद अकरम और बनी सीट से डॉ रामेश्वर सिंह हैं। उमर ने कहा – ‘अब हमारी संख्या बढ़कर 46 हो गई है।’

उमर अब्दुल्ला दूसरी बार बनेंगे राज्य के मुख्यमंत्री

देखा जाए तो 54 वर्षीय उमर अब्दुल्ला दूसरी बार राज्य की सत्ता संभालेंगे। वर्ष 2009 में वह 38 वर्ष की वय में पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। वर्ष 2014 में भी वह विधानसभा चुनाव जीते, लेकिन उनकी पार्टी हार गई थी। तब महबूबा मुफ्ती की अगुआई में पीडीपी व भाजपा ने गठबंधन सरकार बनाई थी।

1998 में 28 वर्ष की उम्र में सबसे युवा सांसद बने थे

उमर अब्दुल्ला का राजनीतिक करिअर देखें तो वह वर्ष 1998 में 28 वर्ष की उम्र में सबसे युवा सांसद बने थे। बाद में वह 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री बने और 2001 में अटल जी की सरकार में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री का पद संभाला। उमर के पिता फारूक अब्दुल्ला और दादा शेख अब्दुल्ला भी राज्य में सीएम रह चुके हैं।

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