Site icon hindi.revoi.in

ओम बिरला लगातार दूसरी बार चुने गए लोकसभा अध्यक्ष, NDA ने ध्वनिमत से जीता चुनाव

Social Share

नई दिल्ली, 26 जून। भाजपा की अगुआई में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के प्रत्याशी ओम बिरला उम्मीदों के अनुरूप लगातार दूसरी बार लोकसभा के अध्यक्ष चुन लिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव इस पद के लिए रखा। एनडीए में शामिल सभी घटक दलों ने उनके नाम का समर्थन किया। वहीं विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के घटक दलों ने के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका कुछ अन्य दलों ने समर्थन किया। हालांकि विपक्षी दलों ने मत विभाजन की मांग नहीं की, लिहाजा ओम बिरला को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया।

18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने जाने के बाद भाजपा सांसद ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी उनके साथ आसन तक पहुंचे।

राहुल गांधी ने जब पीएम मोदी से मिलाया हाथ, गूंज उठा पूरा सदन

दिलचस्प नजारा यह रहा कि पीएम मोदी और राहुल गांधी ने हाथ मिलाया और फिर लोकसभा के सांसद ओम बिरला को अध्‍यक्ष के आसन तक लेकर गए। वहां पहुंचने के बाद पीएम मोदी और राहुल गांधी ने फिर एक बार ओम बिरला को अध्‍यक्ष चुने जाने को लेकर बधाई दी और हाथ मिलाया। इस दौरान पूरा सदन गूंज उठा।

पीएम मोदी ने सबसे पहले बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा

बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सबसे पहले उन नवनिर्वाचित सांसदों का नाम शपथ लेने के लिए पुकारा गया, जिन्होंने अब तक संसद सदस्यता की शपथ नहीं ली है। इसके बाद सदन के प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन को बताया कि लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर उन्हें 16 नोटिस मिली हैं। उन्होंने सबसे पहले प्रस्ताव पेश करने के लिए पीएम मोदी का नाम लिया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में नए लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समर्थन किया।

इसके बाद जेडीयू नेता एवं केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष के लिए ओम बिरला का नाम प्रस्तावित किया, जिसका रालोद सांसद राजकुमार सांगवान ने समर्थन किया। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने लोकसभा स्पीकर के लिए ओम बिरला का नाम प्रस्तावित किया, जिसका समर्थन केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया.

इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया. एनडीए में शामिल अन्य घटक दलों की तरफ से शिवसेना नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रतापराव गणपतराव जाधव, लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास) के मुखिया एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जेडीएस नेता एवं केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी, टीडीपी नेता एवं केंद्रीय मंत्री के. राममोहन नायडू, अपना दल (एस) नेता एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल सहित कई अन्य नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सदन में ओम बिरला का नाम प्रस्तावित किया और एनडीए के अन्य कई नेताओं ने इसका समर्थन किया।

वहीं विपक्षी गठबंधन की तरफ से शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद अरविंद सांवत ने लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव सदन में रखा, जिसका आरएसपी नेता एनके प्रेमचंद्रन ने समर्थन किया। विपक्षी दलों की तरफ से अन्य कई नेताओं ने भी के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव सदन में रखा और कई सांसदों ने उनका समर्थन किया।

विपक्षी दलों ने नहीं की मत विभाजन की मांग

अंततः विपक्षी दलों की तरफ से मत विभाजन की मांग नहीं करने के कारण बिरला ध्वनिमत से ही अध्यक्ष चुन लिए गए। सदन के प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने ध्वनिमत से ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा कर दी।

Exit mobile version