लखनऊ। यूपी के सिद्धार्थनगर जिले की शोहरतगढ़ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के विधायक विनय वर्मा ने पत्र लिखकर इस्तीफे की धमकी दी है। विधायक विनय वर्मा ने सीएम योगी को लिखे पत्र में अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं कि अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुमराह कर रहे हैं और उनसे झूठ बोल रहे हैं।
विनय वर्मा ने इसके साथ ही आरोप लगाया कि अधिकारी विधायकों का अपमान कर रहे हैं, विधायकों की कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। हमारे जिले के थाने बेचे जा रहे हैं, अधिकारी भ्रष्टाचार में डूब गए हैं। जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
अपना दल (एस) के विधायक विनय वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने MP वाले रूप में आना पड़ेगा नहीं तो अधिकारी बँटाधार कर देंगे। जिले की कप्तान और IG से लेकर प्रमुख सचिव तक सब झूठे हैं, कोई काम नहीं करते हैं। विधायक का कहना है कि दलितों पर हो रहे अत्याचार पर भी सुनवाई नहीं हो रही, इस मामले में CM से भी अधिकारियों ने झूठ बोला है। दलित मायाराम को इंसाफ़ दिलाने की मेरी कोशिश तीन महीने से चल रही है जो अधिकारी कर नहीं रहे हैं।
अधिकारियों पर काररवाई न करने का आरोप
विधायक विनय वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी को लिखे पत्र में कहा कि शोहरतगढ़ क्षेत्र में पिछले दिनों अवैध बालू खनन के दौरान थाना डेबरूजा के प्रधान की संलिप्तता एवं संरक्षक में होने वाली बालू, खनन में शामिल मायाराम ट्रैक्टर चालक की ट्रैक्टर पलटने व आग लगने के कारण मृत्यु हो गयी थी। मायाराम की कथित मृत्यु से दुखी उसके परिवार के लोगों के अनुरोध पर थानाध्यक्ष देबरुआ, उपजिलाधिकारी शोहरतगढ़ और खनन अधिकारियों के द्वारा खुलासा करने में कोई रूचि न लेकर घटना की लीपापोती में लगे होने के कारण उन सभी लोगो के अनुरोध पर मैने पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर को कई पत्र लिखे, लेकिन कोई घटना में शामिल दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अवगत कराया था। जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप पता करके बताइये कि जेल गये कि नहीं, और मुझे अवगत कराये।
उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि इस सम्बन्ध में पुलिस महानिरीक्षक बस्ती, जोन बस्ती एवं पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर को वर्णित प्रकरण में अनेको पत्र लिखे जाने के बाद भी आज तक कोई भी कार्यवाही से अवगत नही कराया गया जो समझ से परे है। कृपया यह जानकारी उपलब्ध कराये कि वर्णित प्रकरण में प्रशासन की जांच में थानाध्यक्ष ढेबरुआ, उपजिलाधिकारी शोहरतगढ़ और खनन अधिकारियों में किसे दोषी माना और उसके विरूद्ध भी क्या कोई कार्यवाही की गई। इस केस में कौन कौन से आरोपी को जेल भेजा गया है। उसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि पीडित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए मजबूरन मुझे विधान सभा में प्रश्न उठाना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।