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छत्तीसगढ : मोबाइल गुम जाने के बाद 41 लाख लीटर पानी बहाने के आरोपित अधिकारी पर 53092 रुपये का जुर्माना

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रायपुर, 31 मई। छत्तीसगढ़ के कांकेर में बांध के बाहरी हिस्से में मोबाइल गिर जाने के बाद 41 लाख लीटर पानी बाहर निकालने के आरोपित अधिकारी पर जल संसाधन विभाग ने 53,092 रुपये का जुर्माना ठोक दिया है।

घटना के बाद ही खाद्य निरीक्षक कर दिया गया था निलंबित

कांकेर जिले के अधिकारियों ने बताया कि जिले के पखांजूर क्षेत्र में स्थित परालकोट जलाशय के बाहरी हिस्से में मोबाइल गिरने के बाद खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास ने काफी पानी बर्बाद किया था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था।

जल संसाधन विभाग ने विश्वास को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना डीजल पंप के जरिए भारी मात्रा में पानी निकलवाया था, जो गैर कानूनी है तथा छत्तीसगढ़ सिंचाई अधिनियम के अंतर्गत दंड की श्रेणी में आता है। पत्र के अनुसार विश्वास ने अपने निजी स्वार्थ के लिए 4104 घन मीटर (41 लाख लीटर) पानी बर्बाद किया।

10.50 रुपये प्रति घन मीटर की दर से 43,092 रुपये जुर्माना

पत्र के अनुसार राजेश विश्वास को 10.50 रुपये प्रति घन मीटर की दर से 43,092 रुपये देने को कहा गया है। इसमें कहा गया है कि बिना अनुमति के पानी निकालने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। पत्र में विश्वास को 10 दिनों के भीतर विभाग को कुल 53,092 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया है।

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जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि विश्वास 21 मई को अपने परिवार व दोस्तों के साथ जलाशय में घूमने गए थे, तभी सेल्फी लेने के दौरान उनका मोबाइल फोन पानी में गिर गया था। विश्वास ने कथित तौर पर मोबाइल बरामद करने के लिए 25 मई तक ग्रामीणों की मदद से बांध से पानी खाली करने के लिए डीजल पंप लगाया था।

डीएम ने जल संसाधन विभाग के एसडीओ को भी जारी की नोटिस

अगले दिन मामला सामने आने के बाद कांकेर की जिलाधिकारी प्रियंका शुक्ला ने इस संबंध में रिपोर्ट मांगी, जिसके बाद अधिकारी को निलंबित कर दिया गया। जिलाधिकारी ने जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) आर सी धीवर को बांध से पानी निकालने की कथित तौर पर मौखिक अनुमति देने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी की है। एसडीओ धीवर के खिलाफ काररवाई की मांग को लेकर जिलाधिकारी ने जल संसाधन विभाग के सचिव को पत्र भी लिखा था।