नई दिल्ली, 7 दिसंबर। मानसिक बीमारी का असर व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर होता है। व्यस्कों के अलावा बच्चों में भी ये बीमारी देखने को मिलती है। हाल ही में आर्गेनाईजेशन फॉर इकोनॉमिक की ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना काल के बाद स्कूली बच्चों के पढ़ने की क्षमता के साथ मैथ और साइंस को समझने की क्षमता में भारी गिरावट देखी गई है।
आर्गेनाईजेशन के अनुसार 2018 के कंपेरिज़न में ओईसीडी देशों में पढ़ने के प्रदर्शन में औसतन 10% की गिरावट देखी गई है। सर्वे में पाया गया है कि चार छात्रों में औसतन एक बच्चे ने मैथ पढ़ने और विज्ञान के बेसिक एल्गोरिदम व आसान लेसन को हल करने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा।
वहीं सर्वे मे शामिल सबसे ज़्यादा गिरावट जर्मनी, आइसलैंड, नीदरलैंड, नॉर्वे और पोलैंड में मैथ विषय में विशेष रूप से देखी गई। कोरोना काल में सभी देशों में लॉकडाउन की स्थिति थी। ऐसी स्थिति में सभी स्कूल व कालेज बंद थे। इस समय पर ओईसीडी द्वारा की गई इस स्टडी में यह भी दावा किया गया है कि जिन देशों में कोविड के समय छात्रों को शिक्षकों की अधिक सहायता मिली उन्होंने परीक्षा में काफी अच्छा स्कोर हासिल किया।
साथ ही उन देशो के भी रिजल्ट्स आम तौर पर बेहतर आये जहां टीचर्स तक बच्चों की पहुंच आसान थी। ओईसीडी के की क्षमता में औसत स्कोर बीते 81 देशों के 7 लाख छात्रों के टेस्ट पर आधारित रिपोर्ट मानसिक बीमारी का असर व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर होता है।