भुवनेश्वर, 23 सितंबर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने यहां एक पुलिस थाने में एक सैन्य अधिकारी को कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने और उसकी मंगेतर के ‘‘यौन उत्पीड़न’’ के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। माझी ने कहा कि राज्य सरकार दोषी पाए जाने वाले सभी व्यक्तियों या अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, न्यायिक जांच की अध्यक्षता न्यायमूर्ति चितरंजन दास करेंगे और 60 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपी जाएगी। राज्य सरकार ने ओडिशा उच्च न्यायालय से भी ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा द्वारा की जा रही जांच की निगरानी करने का अनुरोध किया है। माझी ने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार भारतीय सेना का सम्मान करती है।
सीएमओ द्वारा जारी बयान में रविवार शाम को कहा गया है, ‘‘राज्य सरकार महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा और अधिकारों को लेकर चिंतित है।’’ इस बीच, ओडिशा सरकार ने भरतपुर पुलिस थाने के पांच कर्मियों को निलंबित कर दिया है और ‘‘सेना अधिकारी को प्रताड़ित करने तथा उनकी मंगेतर का यौन उत्पीड़न’’ करने के आरोप में उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया है।
यह कथित घटना 15 सितंबर की है जब पश्चिम बंगाल में तैनात सैन्य अधिकारी और उनकी मंगेतर ‘रोड रेज’ की एक शिकायत दर्ज कराने भरतपुर पुलिस थाने पहुंचे थे जब कुछ स्थानीय युवकों ने उनसे कथित तौर पर मारपीट की थी। पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर दोनों का पुलिसकर्मियों से विवाद हो गया, जिसके बाद सैन्य अधिकारी और उनकी मंगेतर से थाने में दुर्व्यवहार किया गया।
बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने मामले की अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने और न्यायिक जांच कराने की मांग की थी। विपक्षी दल ने 24 सितंबर को भुवनेश्वर बंद का भी आह्वान किया है।