भुवनेश्वर, 29 सितंबर। ओडिशा विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्य सचेतक मोहन माझी सहित पार्टी के दो विधायकों को वीरवार को विधानसभा में अध्यक्ष प्रमिला मलिक के आसन की ओर कथित तौर पर ‘दाल’ फेंकने के लिए सत्र की बाकी अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। ओडिशा विधानसभा का मौजूदा सत्र चार अक्टूबर तक चलेगा।
विधायक मोहन माझी और मुकेश महालिंग को स्पीकर प्रमिला मलिक के मंच पर दाल फेंकने के आरोप में 4 अक्टूबर तक ओडिशा विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया। इस मामले को लेकर विधानसभा स्पीकर प्रमिला मलिक ने जांच की बात कही है। भाजपा के जिस अन्य विधायक को निलंबित किया गया है उनका नाम मुकेश महालिंग है।
माझी ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के आसन की ओर ‘दाल’ नहीं फेंकी थी। उन्होंने हालांकि, कहा कि भाजपा सदस्य विधानसभा अध्यक्ष प्रमिला मलिक को उपहार में देने के लिए ‘दाल’ सदन में लेकर आए थे।
विधानसभा अध्यक्ष मलिक ने कहा कि दो विधायकों को निलंबित करने का फैसला सदन के नियमों के तहत लिया गया है। माझी द्वारा आरोपों से इनकार किए जाने पर मलिक ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि माझी ने क्या कहा है। उन्हें सत्र के शेष हिस्से के लिए निलंबित कर दिया गया है।”
सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) की वरिष्ठ नेता प्रमिला मलिक को 22 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया, वह इस पद पर पहुंचने वाली राज्य की पहली महिला हैं। माझी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे खिलाफ कार्रवाई पूरी तरह से अनुचित है क्योंकि मैंने अध्यक्ष के आसन पर ‘दाल’ नहीं फेंकी। मेरे ऊपर लगाया गया आरोप पूरी तरह से प्रेरित है। विधानसभा अध्यक्ष ने सीसीटीवी फुटेज की जांच किए बिना ही मुझे निलंबित कर दिया।”
माझी ने विधानसभा अध्यक्ष और सत्ता पक्ष को उनपर लगे आरोप को साबित करने की चुनौती भी दी। विपक्षी दल के मुख्य सचेतक ने आरोप लगाया कि उन्हें सरकार द्वारा निशाना बनाया गया क्योंकि उन्होंने तथ्य और साक्ष्य प्रस्तुत कर प्रशासन को मुश्किल में डाल दिया था।
महालिंग ने दावा किया कि महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी)मंत्री रहते मलिक पर ‘दाल’ घोटाले का आरोप लगा था और ‘‘हम उन्हें उपहार में देने के लिए दाल लाए थे।” भाजपा सदस्य अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्लास्टिक के बैग में दाल सदन में लेकर आए थे। उनका आरोप है कि मलिक सदन का संचालन निष्पक्ष तरीके से नहीं कर रही हैं।