नई दिल्ली, 26 जून। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अहमदाबाद में एअर इंडिया के बोइंग ड्रीमलाइनर 787 एयरक्राफ्ट की क्रैश साइट से मिले कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) के डेटा का एनालिसिस किया जा रहा है। नागर विमानन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि ब्लैक बॉक्स से संबंधित अब तक की सभी काररवाइयां घरेलू कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के पूर्ण अनुपालन में समयबद्ध तरीके से की गई हैं।
एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के बाद, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने तुरंत जांच शुरू की और निर्धारित मानदंडों के अनुसार 13 जून 2025 को एक बहु-विषयक टीम का गठन किया।
अतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार गठित इस टीम का नेतृत्व एएआईबी के महानिदेशक करते हैं और इसमें एक विमानन देखभाल विशेषज्ञ, एक एटीसी अधिकारी और नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन की सरकारी जांच एजेंसी है और इस जांच के लिए आवश्यक है।
सीवीआर और एफडीआर दोनों बरामद कर लिए गए। इनमें से पहला 13 जून, 2025 को दुर्घटना स्थल पर इमारत की छत से और दूसरा 16 जून, 2025 को मलबे से मिला। मंत्रालय ने कहा, “सीवीआर और एफडीआर दोनों के सुरक्षित संचालन, भंडारण और परिवहन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई थी। उपकरणों को अहमदाबाद में चौबीसों घंटे पुलिस सुरक्षा और सीसीटीवी निगरानी में रखा गया था।”
इसके बाद, 24 जून, 2025 को पूरी सुरक्षा के साथ भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा ब्लैक बॉक्स को अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया। फ्रंट ब्लैक बॉक्स 24 जून, 2025 को 14:00 बजे एएआईबी के महानिदेशक के साथ दिल्ली की एएआईबी लैब लाया गया। रियर ब्लैक बॉक्स दूसरी एएआईबी टीम द्वारा और 24 जून, 2025 को 17:15 बजे दिल्ली की एएआईबी लैब लाया गया।
मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, “एएआईबी के डीजी के नेतृत्व में एएआईबी और एनटीएसबी के तकनीकी सदस्यों के साथ टीम ने 24 जून, 2025 की शाम को डेटा निष्कर्षण प्रक्रिया शुरू की। फ्रंट ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (सीपीएम) को सुरक्षित रूप से निकाला गया और 25 जून, 2025 को मेमोरी मॉड्यूल तक सफलतापूर्वक पहुंचा गया और इसका डेटा एएआईबी लैब में डाउनलोड किया गया।”
सीवीआर और एफडीआर डेटा का विश्लेषण चल रहा है। इन प्रयासों का उद्देश्य दुर्घटना की ओर ले जाने वाली घटनाओं के अनुक्रम को फिर से बनाना और विमानन सुरक्षा को बढ़ाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए योगदान देने वाले कारकों की पहचान करना है।

