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NSA अजीत डोभाल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कहा – ‘तनाव बढ़ाने की कोशिश हुई तो जवाब देने को तैयार’

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नई दिल्ली, 7 मई। पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (PoJK) में बुधवार तड़के सैन्य काररवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने कई देशों में अपने समकक्षों से बात की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत तनाव बढ़ाना नहीं चाहता है। लेकिन यदि पाकिस्तान कोई भी शत्रुतापूर्ण काररवाई करता है तो भारत उसका ‘दृढ़ता से जवाब’ देने के लिए भी तैयार है। अजीत डोभाल की ओर से मिला यह संकेत भारत के मूड और तैयारी का संकेत भी दे रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा, ‘NSA ने अपने समकक्षों को काररवाई और उसे करने के तरीके के बारे में बताया। यह तरीका बहुत ही सधा हुआ, बढ़ाने वाला नहीं और संयमित था। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का इरादा तनाव बढ़ाने का नहीं है, लेकिन अगर पाकिस्तान ने ऐसा करने का फैसला किया तो वह पूरी तरह से जवाब देने के लिए तैयार है।’ इसका मतलब है कि भारत ने सोच समझकर काम किया और शांति बनाए रखने की कोशिश की।

कई बड़े देशों के एनएसए से की बात

अजीत डोभाल ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, रूस, फ्रांस और जापान जैसे देशों से इसको लेकर संपर्क किया। उन्होंने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (PoJK) में आतंकी ठिकानों पर भारत के मिसाइल हमलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इन देशों के अधिकारियों को ऑपरेशन सिंदूर की पूरी बात बताई। यह ऑपरेशन भारतीय सशस्त्र सेना ने 6 और 7 अप्रैल की दरमियानी रात 1 बजकर 5 मिनट से लेकर 1 बजकर 30 मिनट के भीतर किया, जिसमें आतंकवादियों के नौ ठिकानों को टारगेट किया गया।

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कूटनीतिक पहल

NSA ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री मार्को रुबियो, यूके के जोनाथन पॉवेल, सऊदी अरब के मुसैद अल ऐबन, यूएई के एचएच शेख तहनून और जापान के मासाटाका ओकानो से बात की। अधिकारी ने कहा, ‘रूसी NSA सर्गेई शोइगु, सीपीसी केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और पीआरसी के विदेश मंत्री वांग यी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल बोन के राजनयिक सलाहकार से भी संपर्क किया गया।’

शांति चाहते हैं, लेकिन अपनी सुरक्षा की शर्त पर नहीं

वस्तुतः भारत ने दुनिया के कई बड़े देशों के साथ अपनी काररवाई की जानकारी साझा की और उन्हें भरोसे में लिया। भारत ने दुनिया को यह बताने की कोशिश की कि वह शांति चाहता है, लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार है। इस मामले में भारत का शुरू से कहना है कि उसके निशाने पर आतंकवादी और उनके सरगना हैं, सैन्य काररवाई का इरादा पाकिस्तानी जनता या पाकिस्तानी ठिकानों को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने का नहीं है।

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