नई दिल्ली, 20 दिसम्बर। शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को आपराधिक कानूनों से संबंधित तीन विधेयक – भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर लोकसभा में चर्चा के बाद पारित कर दिए गए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है। इससे यह बात साफ होती है कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है।’
अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा
शाह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति की बात कही थी, उसी के तहत गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए गंभीरता से विचार किया। नए कानून व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार के तीन सिद्धांतों के आधार पर बनाए जा रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा।’
अब उम्र के दायरे में रहकर आरोपितों को सजा दी जाएगी
सदन में अमित शाह ने दुष्कर्म पर कानून बदलाव पर कहा कि अब उम्र के दायरे में रहकर आरोपितों को सजा दी जाएगी। अब मॉब चिलिंग में सीधे फांसी की सजा दी जाएगी। यदि अब 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया जाता है तो आरोपित को उम्रकैद या फिर फांसी की सजा दी जाएगी। वहीं हिट एंड रन में 10 वर्ष की सजा मिलेगी। रेप के दोषी को अब 20 साल की सजा होगी। साइबर, आर्थिक, डकैती में भी कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है। सशस्त्र विद्रोह पर जेल होगी।
#LokSabha passes BN (2nd) Sanhita 2023, NS (2nd) Sanhita 2023 & Bharatiya Sakshya (2nd) Bill, 2023.#लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पारित हुआ। @AmitShah @HMOIndia pic.twitter.com/rJtLCXT2iY
— SansadTV (@sansad_tv) December 20, 2023
देश के खिलाफ बोलना गुनाह होगा और काररवाई की जाएगी
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘आतंकियों को अब सीधा जेल भेजा जाएगा। राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह कानून माना जाएगा। व्यक्ति के खिलाफ बोलने पर जेल नहीं होगी। देश के खिलाफ बोलना गुनाह होगा और काररवाई की जाएगी। आतंकवाद कृत्य के लिए कड़ी सजा के प्रावधान होंगे। सरकार के खिलाफ बोलना गुनाह नहीं होगा।’
CrPC में 484 की जगह अब 531 धाराएं होंगी
शाह ने कहा, ‘CrPC में पहले 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी। 177 धाराओं में बदलाव किए गए हैं और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। 39 नई उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। 44 नए प्रावधान जोड़े गए हैं।’
क्या होती है मॉब लिंचिंग?
जब अनियंत्रित भीड़ द्वारा किसी दोषी को उसके किए अपराध के लिए या कभी-कभी मात्र अफवाहों के आधार पर ही बिना अपराध किए भी तत्काल सजा दी जाए अथवा उसे पीट-पीट कर मार डाला जाए तो इसे भीड़ द्वारा की गई हिंसा या मॉब लिंचिंग कहते हैं। इस तरह की हिंसा में किसी कानूनी प्रक्रिया या सिद्धांत का पालन नहीं किया जाता और यह पूर्णतः गैर-कानूनी होती है।