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अब ‘राम आएंगे…’ गाना भी AI से हुआ तैयार, लता मंगेशकर की आवाज में ऑडियो वायरल

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नई दिल्ली, 21 जनवरी। अयोध्या में सोमवार को होने जा रहे रामलला के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले मशहूर गायिका दिवंगत लता मंगेशकर की आवाज में AI द्वारा तैयार हुआ गाना ‘राम आएगे…’ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अब इस गाने को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त रहे हैं।

एक यूजर ने लिखा – ‘सच कहूं, इससे अच्छा और कोई नहीं है। असली वाला तो मैं कभी सुनता नहीं था, इसे पूरा सुना।’ एक अन्य यूजर ने कहा कि एआई के इस्तेमाल से तैयार हुआ गाना बहुत अच्छा है। तीसरे यूजर ने कहा, ‘इस गाने को पूरा सुनकर मेरी आंख भर आई और इसके साथ मुझे बेहद शांति महसूस हुई।’ यूजर ने इसके साथ ही इस गाने को शेयर करने वाले को शुक्रिया कहा। चौथे सोशल मीडिया यूजर ने कहा, ‘पहली बार AI का इस्तेमाल से कुछ अच्छी चीज देखने को मिली है। यह बहुत मधुर है।

हालांकि जिस यूजर ने पहले इस गाने को शेयर किया था, उसने लिखा था कि यह एक गैर व्यावसायिक वीडियो है। इसके साथ ही यूजर ने बताया था, ‘यह किसी विशिष्ट व्यक्ति की नकल नहीं है। यह ओपन-सोर्स और उनकी साउंड इंजीनियरिंग का मेल है। संगीत के प्रति प्रेम और अब हमारे बीच नहीं रहे कलाकारों के सम्मान में बनाया गया यह काम सम्मानजनक है, लाभ के लिए नहीं।’

इस एआई गाने से पहले एक वीडियो को शेयर करते हुए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लता मंगेश्कर को याद किया था। उन्होंने इसे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ से शेयर किया। इसके साथ ही उन्होंने इस ट्वीट के जरिए कहा था कि यह दीदी के द्वारा आखिर श्लोक है।

बिहार की स्वाति मिश्रा ने लगभग 3 माह पहले इस भजन को गाया था

उल्लेखनीय है कि ‘राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी…’ भजन को छपरा (बिहार) की गायिका स्वाति मिश्रा ने लगभग तीन माह पहले गाया था, जिसकी पीएम मोदी ने भी काफी तारीफ की थी। यूट्यूब पर स्वाति मिश्रा के वीडियो को लगभग 6.5 करोड़ व्यूज मिल चुके हैं।

श्याम सुंदर शर्मा (पालम वाले) ने लिखा था यह भजन

दरअसल, स्वाति मिश्रा ने यूट्यूब पर ‘राम आएंगे…’ गाने के कैप्शन में लिरिक्स का क्रेडिट एक शख्स को दिया है, जिनका नाम है श्याम सुंदर शर्मा। यह भजन प्रसिद्ध भजन गायक रहे स्वर्गीय श्याम सुंदर शर्मा (पालम वाले) द्वारा लिखा गया था।

श्याम सुंदर शर्मा का जन्म 1948 में हुआ था और उनका देहांत 23 अक्टूबर, 2013 को हुआ। वह पेशेवर भजन गायक नहीं थे। वह दिल्ली में सरकारी नौकरी करते थे और उन्हें भजन लिखने-गाने का शौक था।

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