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अब बच्चों के लिए भी हेलमेट अनिवार्य करने की तैयारी, गति सीमा भी तय होगी

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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर। केंद्र सरकार महिलाओं के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करने के बाद सरकार अब दो पहिया वाहनों पर पीछे बैठे बच्चों के लिए भी हेलमेट अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 में नियमों को संशोधित करने का प्रस्ताव रखा गया है।

2022 के अंत तक लागू हो सकते हैं नए नियम

इस क्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नियमों का एक मसविदा आम लोगों की राय जानने के लिए जारी किया है। इसे मंजूरी मिल जाती है तो ये नियम लागू हो जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि ये नियम वर्ष 2022 के अंत तक लागू हो जाएंगे।

4 वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रस्तावित है नियम

बच्चों के लिए हेलमेट पहनने का नियम अनिवार्य होने के बाद यदि किसी दो पहिया वाहन पर पीछे नौ महीने से लेकर चार साल तक का बच्चा भी सवारी कर रहा है तो उसे एक क्रैश हेलमेट या साइकिल के साथ प्रयोग किया जाने वाला हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। इस हेलमेट के मानक सरकार तय करेगी।

2 ह्वीलर की अधिकतम गति सीमा भी 40 किमी प्रति घंटा

नए नियम लागू होने को बाद यदि कोई दो पहिया वाहन सवार बच्चे को साथ लेकर जा रहा है तो उसे गति सीमा का भी ध्यान रखना होगा। इस स्थिति में बाइक या स्कूटर की गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा से अधिक नहीं हो सकती। प्रस्तावित नियमों के मुताबिक इसका उल्लंघन करने पर 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। साथ ही तीन माह के लिए ड्राइविंग लाइसेंस भी जब्त हो सकता है।

बच्चों के लिए सेफ्टी हार्नेस भी अनिवार्य किया जाएगा

सरकार ने इसके अलावा बच्चों के लिए 2-ह्वीलर पर सेफ्टी हार्नेस को भी अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया है। सेफ्टी हार्नेस एक एडजस्टेबल जैकेट की तरह होता है, जिसमें स्ट्रैप होती हैं और ये बच्चों को ड्राइवर से जोड़ देती हैं। इसके लिए मानक भारतीय मानक ब्यूरो तय करेगा क्योंकि इन सेफ्टी हार्नेस का वजन में हल्का, वाटरप्रूफ और टिकाऊ होना जरूरी है। सेफ्टी हार्नेस 30 किलोग्राम तक का वजन उठाने में सक्षम होनी चाहिए।

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