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राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस तकनीकी आधार पर खारिज

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नई दिल्ली, 19 दिसम्बर। उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष की ओर से पेश अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस खारिज हो गई है। इसका कारण यह है कि अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस कम से कम 14 दिन पहले लाई जानी चाहिए थी, जो नहीं हुई। इसलिए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने तकनीकी आधार पर विपक्ष के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके साथ ही विपक्षी दलों का दांव फेल हो गया है।

सूत्रों के अनुसार उप सभापति हरिवंश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह प्रस्ताव दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ एक नैरेटिव बनाने के लिए लाया गया था। हरिवंश ने नोटिस की अस्वीकृति के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि 14 दिन की नोटिस, जो इस तरह के प्रस्ताव को पेश करने के लिए अनिवार्य है, नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि सभापति महोदय जगदीप धनखड़ का नाम भी सही ढंग से नहीं लिखा गया था।

उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने संबंधी प्रस्ताव के मुद्दे पर राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का जोरदार दौर चला, जिसके कारण हुए भारी हंगामे के बाद उच्च सदन की कार्यवाही शुक्रवार को दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई थी। कार्यवाही स्थगित होने से पहले धनखड़ ने विपक्ष पर उनके खिलाफ दिन-रात अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह एक किसान के बेटे हैं और कभी ‘कमजोर’ नहीं पड़ेंगे। उन्होंने कहा था, ‘दिन भर सभापति के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है…..यह अभियान मेरे खिलाफ नहीं है, यह उस वर्ग के खिलाफ अभियान है, जिससे मैं जुड़ा हूं।’

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