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हटाए गए मंत्रियों की क्षमता में कमी नहीं, व्यवस्था के तहत फेरबदल किया गया : पीएम मोदी

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नई दिल्ली, 9 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल में फेरबदल के तहत कई वरिष्ठ मंत्रियों को हटाए जाने के बाद उभरीं तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा है कि उनकी क्षमता में कोई कमी नहीं थी वरन व्यवस्था के अनुसार यह बदलाव किया गया है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने नए मंत्रियों को सलाह दी है कि वे अपने पूर्ववर्तियों से मिलें और उनके अनुभवों से सीख लें।

गौरतलब है कि बीते बुधवार को मोदी सरकार-2 के पहले कैबिनेट विस्तार में 36 नए चेहरों और सात को पदोन्नति सहित 43 मंत्रियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ दिलाई थी। हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार के पहले प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद, डॉ. हर्षवर्धन, रमेश पोखरियाल निशंक और सदानंद गौड़ा सहित 12 मंत्रियों को इस्तीफा भी देना पड़ा था। माना जा रहा था कि इन मंत्रियों का इस्तीफा इनके लचर प्रदर्शन की वजह से लिया गया है।

फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार के 24 घंटे के अंदर ही बुधवार की शाम हुई कैबिनेट की पहली बैठक में किसानों के हित और कोरोना वायरस की आशंकित तीसरी लहर से निबटने को लेकर बड़े फैसले लिए गए। इस दौरान पीएम मोदी ने रविशंकर प्रसाद, जावड़ेकर, हर्षवर्धन और पोखरियाल जैसे नेताओं को हटाने की वजह भी बताई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि ये मंत्री व्यवस्था के चलते पद से हटाए गए हैं। उनकी क्षमता से इस फैसले का कोई संबंध नहीं है। सूत्रों के अनुसार पीएम ने पुराने मंत्रियों से संपर्क कर उनके अनुभवों से सीख लेने की भी नए मंत्रियों को सलाह दी।

इस बीच पीएम मोदी ने कोरोना संक्रमण को लेकर बरती जा रही लापरवाही को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने बैठक के दौरान कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से हम भीड़भाड़ वाली जगहों की कई तस्वीरें और वीडियो देख रहे हैं। ऐसे समय में भी लोग बिना मास्क पहने घूम रहे हैं और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। यह सुखद नजारा नहीं है और इससे हममें भय की भावना पैदा होनी चाहिए। इस संकट काल में लापरवाही का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। सिर्फ एक गलती बड़ा असर डाल सकती है और कोविड-19 के खिलाफ हमारी जंग को कमजोर कर सकती है।’

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के मामलों में कमी आई है, इससे लोग बाहर निकलना चाहते हैं। फिर भी सभी को यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि खतरा अभी टलने से बहुत दूर है। कई देशों में संक्रमण के मामलों में तेजी आ रही है। वायरस अपना स्वरूप भी बदल रहा है।

उन्होंने महाराष्ट्र और केरल में लगातार बड़ी संख्या में सामने आ रहे कोरोना के मामलों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘मंत्रियों के तौर पर हमारा लक्ष्य डर उत्पन्न करना नहीं बल्कि लोगों से अनुरोध करना है कि वह सभी नियमों का पालन करें, जिससे आने वाले समय में हम इस महामारी से आगे बढ़ सकें।’

पीएम मोदी ने बैठक के बाद एक ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, ‘कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक के नए पैकेज को मंजूरी दी गई है। इसके तहत देश के सभी जिलों में पीडियाट्रिक केयर यूनिट से लेकर आईसीयू बेड, ऑक्सीजन स्टोरेज, एंबुलेंस और दवाओं जैसे इंतजाम किए जाएंगे।’

दरअसल, मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 23,123 करोड़ रुपये की एक नई योजना ‘भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज – चरण 2’ को स्वीकृति दी। इसका उद्देश्य बाल चिकित्सा देखभाल सहित स्वास्थ्य इन्फ्रा का विकास और शुरुआती रोकथाम और प्रबंधन के लिए तैयारियों में तेजी लाना है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार इससे पहले देशभर में कोविड समर्पित अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र स्थापित करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये दे चुकी है।

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