Site icon hindi.revoi.in

सरकारी आवास मामला : महुआ मोइत्रा को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं, उचित ऑथारिटी के पास जाने के निर्देश

Social Share

नई दिल्ली, 4 जनवरी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक सुनवाई के दौरान निष्कासित लोकसभा सदस्य एवं तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा से गुरुवार को कहा कि सरकार द्वारा आवंटित आवास पर कब्जा जारी रखने की अनुमति के लिए वह संपदा निदेशालय से संपर्क करें।

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यन प्रसाद ने कहा कि नियम अधिकारियों को यह अधिकार देते हैं कि वह असाधारण परिस्थितियों में किसी निवासी को निर्धारित सीमा से अधिक समय तक रुकने की अनुमति दे सकते हैं। न्यायामूर्ति ने कहा, ‘‘संपदा निदेशालय के समक्ष एक अभ्यावेदन पेश करें और वहां कानून के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।’’

अदालत ने मोइत्रा को मौजूदा याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी है। यह देखते हुए कि कानून के अनुसार किसी निवासी को परिसर से बेदखल करने से पहले नोटिस देना अनिवार्य है, अदालत ने कहा, ‘‘हमें यह कहने की जरूरत नहीं है कि सरकार याचिकाकर्ता को कानून के मुताबिक ही बेदखल करने के लिए कदम उठाएगी।’’

मोइत्रा ने अपनी याचिका में आग्रह किया था कि संपदा निदेशालय के 11 दिसंबर के आदेश को रद्द कर दिया जाए या वैकल्पिक रूप से उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने तक आवास पर कब्जा जारी रखने की अनुमति दी जाए।

लोकसभा में पिछले साल आठ दिसंबर को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तृणमूल सांसद मोइत्रा को ‘अनैतिक आचरण’ के लिए सदन से निष्कासित करने का प्रस्ताव रखा था जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया था। इससे पहले, लोकसभा की आचार समिति ने मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में अनैतिक आचरण का दोषी पाया था और उन्हें सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की थी।

Exit mobile version