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देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमत एक समान करने की केंद्र सरकार की कोई योजना नहीं

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नई दिल्ली, 7 दिसंबर। केंद्रीय उत्पाद शुल्क और वैट में कमी के बावजूद देश में डीजल और पेट्रोल की कीमतें काफी अधिक हैं। इधर बीच कच्चे तेल की कीमतों में भी कमी आने के बावजूद ईंधन के खुदरा भाव कम नहीं हुए हैं। इसी दौरान डीजल व पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने और पूरे देश में एक समान कीमत किए जाने को लेकर भी बहस चल रही है। फिलहाल केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि इस तरह की कोई योजना नहीं है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को जानकारी दी कि डीजल-पेट्रोल की कीमतें पूरे देश में एक समान करने की कोई योजना सरकार के पास नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ऐसी किसी योजना पर विचार कर रही है, जिसमें पूरे देश में डीजल और पेट्रोल के एक समान भाव का प्रस्ताव है, मंत्री ने साफ कहा कि फिलहाल ऐसी किसी योजना पर सरकार विचार नहीं कर रही है।

जीएसटी काउंसिल की भी डीजल-पेट्रोल को लेकर कोई सिफारिश नहीं

रामेश्वर तेली ने इस मसले पर सरकार का तर्क भी रखा। उन्होंने कहा कि डीजल और पेट्रोल की खुदरा कीमतें वैट, ढुलाई के खर्च जैसे कई कारकों पर निर्भर करती हैं। इसी कारण अलग-अलग राज्यों में इनकी कीमतें अलग होती हैं।

डीजल और पेट्रोल के साथ-साथ गैस को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के सवाल पर राज्य मंत्री ने कहा कि यह फैसला जीएसटी काउंसिल के हाथों में है। जीएसटी काउंसिल ने अभी डीजल-पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने की कोई सिफारिश नहीं की है।

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