तिरुअनंतपुरम, 7 सितम्बर। कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित दक्षिणी राज्य केरल में खतरनाक निपाह वायरस से एक बच्चे की मौत के दो दिन बाद मंगलवार को तनिक राहत प्रदान करने वाली खबर मिली, जब 10 अन्य संदिग्ध लोगों के जांच नमूनों में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कोझिकोड में मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी।
कोझिकोड में रविवार को इस संक्रमण से एक बच्चे की हुई थी मौत
सुश्री जॉर्ज ने कहा कि कोरोना से राज्य के बिगड़े हालात में यह खबर राहत देने वाली है। निपाह वायरस की जांच के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में आठ और कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नई प्रयोगशाला में दो नमूनों की जांच की गई थी। इन जांच नमूनों में उस बच्चे के अभिभावकों के नमूने भी शामिल थे, जिसकी रविवार को संक्रमण से मौत हो गई थी।
क्षेत्र में घर-घर निगरानी भी कराई जा रही
उन्होंने बताया कि संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों का पता लगाया जा रहा है तथा क्षेत्र में आज से घर-घर जाकर भी निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि निपाह के प्रकोप को देखते हुए अगला सप्ताह राज्य के लिए महत्वपूर्ण है। इस क्रम में कोझिकोड, कन्नूर और मलप्पुरम जिले हाई अलर्ट पर रखे गए हैं।
निपाह को लेकर घबराने की जरूरत नहीं : स्वास्थ्य विशेषज्ञ
हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि निपाह को लेकर घबराने की कोई बात नहीं है। इस वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए पशु कल्याण विभाग ने कोझिकोड जिले के चथमंगलम में नमूने एकत्र करने का काम शुरू कर दिया है, जहां इस वायरस के पाए जाने की पुष्टि हुई थी।
केंद्र ने केरल सरकार को दिया मजबूत निगरानी का सुझाव
इस बीच केंद्र ने केरल सरकार को सुझाव दिया है कि निपाह वायरस के मद्देनज़र अस्पताल आधारित और समुदाय आधारित, दोनों की निगरानी मजबूत बनाए जाने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने केरल के मुख्य सचिव को सम्बोधित पत्र में कोझिकोड में फैली बीमारी के मद्देनजर किए जाने वाले उपायों की सिफारिश की है। यह सिफारिश जिले का दौरा करने वाले केन्द्रीय दल की रिपोर्ट पर आधारित है।