नई दिल्ली, 1 फरवरी। देश के अधिसंख्या वेतनभोगी करदाताओं को उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट के जरिए उन्हें कुछ आयकर राहत देंगी। लेकिन उनकी उम्मीदों को झटका लगा क्योंकि आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष के बजट में नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब में कई बदलावों की घोषणा की गई थी। लेकिन इस वर्ष मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं मिली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपने बजट भाषण में कहा कि कि आयात शुल्क समेत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब है कि आयकर स्लैब की दरें पहले की तरह बनी रहेंगी।
पुरानी व्यवस्था के तहत आयकर दर
- शून्य से 2,50,000 रुपये कोई कर नहीं
- 2,50,001 से 5,00,000 रुपये 5%
- 5,00,001 से 10,00,000 रुपये 20%
- 10,00,001 रुपये से अधिक 30%
नई व्यवस्था के तहत आयकर दर
- शून्य से 3,00,000 रुपये कोई कर नहीं
- 3,00,001 से 6,00,000 रुपये 5%
- 6,00,001 से 9,00,000 रुपये 10%
- 9,00,001 से 12,00,000 रुपये 15%
- 12,00,001 से 15,00,000 रुपये 20%
- 15,00,001 से अधिक 30%
दोनों आयकर व्यवस्था में कर राहत दी गई है। नई कर व्यवस्था के तहत आयकर कानून की धारा 87ए के तहत सात लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्ति कर छूट के पात्र होंगे। वहीं पुरानी व्यवस्था के तहत कर का भुगतान करने वालों के लिए छूट की सीमा पांच लाख रुपये बनी हुई है।
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— Hi Hyderabad (@HiHyderabad) February 1, 2024
2014 से आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या 2.4 गुना बढ़ी
निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 से आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या 2.4 गुना और प्रत्यक्ष कर संग्रह तीन गुना हुआ है। कर रिटर्न के प्रसंस्करण में लगने वाला समय वित्त वर्ष 2013-14 में 93 दिन से कम होकर 10 दिन पर आ गया है। साथ ही रिफंड तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार 2025-26 तक राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत पर लाने के लिए राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर है। उन्होंने यह भी कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में भी अच्छी वृद्धि हुई है।