पटना, 24 अगस्त। बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार ने बुधवार को विश्वास मत हासिल किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा और यह भी कहा कि खुद को हाशिए पर डाले जाने के चलते उन्होंने 2013 में भाजपा का साथ छोड़ा था।
विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले विजय कुमार सिन्हा ने सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों द्वारा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के साथ ही विधानसभा की कार्यवाही पहले दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, जिसके बाद डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी ने सत्र की कार्यवाही की अध्यक्षता की।
‘वाजपेयी और आडवाणी जैसे नेताओं ने मेरे साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया‘
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वास मत पर चर्चा के दौरान कहा, ‘केवल 2020 विधानसभा चुनाव की बात मत कीजिए, अतीत के उन चुनावों को भी याद कीजिए, जब जदयू ने भाजपा से अधिक सीटें जीतीं। पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय (विश्वविद्यालय) का दर्जा देने का मेरा अनुरोध स्वीकार नहीं किया गया। वाजपेयी और आडवाणी जैसे नेताओं ने मेरे साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया। हमने हाशिये पर डाले जाने के विरोध में 2013 में भाजपा से नाता तोड़ा था।’
भाजपा का एकमात्र काम समाज में गड़बड़ी पैदा करना है
नीतीश कुमार ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘आज दिल्ली से जो कुछ किया जा रहा है, वह प्रचार है। प्रेस को भी स्वतंत्र रहने नहीं दिया जा रहा है। बदलाव के लिए हमें मिलकर लड़ना होगा।’ भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत की आजादी की लड़ाई में आप (भाजपा) कहां थे। उनका (भाजपा) एकमात्र काम समाज में गड़बड़ी पैदा करना है।’