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नीतीश कुमार ने कयासों पर लगाया विराम, बोले – ‘फूलपुर से चुनाव लड़ने नहीं जा रहा’

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पटना, 20 सितम्बर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले कुछ दिनों से लगाए जा रहे कयासों पर मंगलवार को विराम लगाते हुए स्पष्ट किया कि वह उत्तर प्रदेश के फूलपुर से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि बिहार में पिछले कुछ दिनों से कयास लग रहे थे कि नीतीश कुमार राज्य की सत्ता तेजस्वी यादव को सौंपने की तैयारी में हैं और वह आगामी लोकसभा चुनाव में फूलपुर से चुनाव लड़ेंगे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इन चर्चाओं का स्वागत किया था। लेकिन अब नीतीश ने खुद इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया है।

‘विपक्षी दलों को एकजुट करना ही मेरा मकसद

नीतीश कुमार ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया, ‘मैं फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने नहीं जा रहा हूं। मेरा मकसद बस विपक्षी दलों को एकजुट करने का है और मैं इसी में लगा हुआ हूं। मैं चाहता हूं कि तेजस्वी यादव आगे बढ़ें और अन्य नौजवान आगे बढ़ें और खुद के लिए मुझे कुछ नहीं चाहिए।’

दरअसल, यह चर्चा जोरों पर थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह बिहार के सीएम नीतीश कुमार दिल्ली की मंजिल तक पहुंचने के लिए यूपी का सियासी रूट पकड़ेंगे। ऐसे में यूपी के फूलपुर या मिर्जापुर लोकसभा सीटों पर नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की चर्चा तेज थी। जेडीयू ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया था। जदयू ने भी कहा था कि अभी लोकसभा चुनाव दूर है, लेकिन नीतीश को उत्तर प्रदेश में फूलपुर और मिर्जापुर से भी लोकसभा चुनाव लड़ने का निमंत्रण मिला है। फिलहाल नीतीश ने खुद साफ कर दिया है कि वह वहां से लोकसभा चुनाव लड़ने पर विचार नहीं कर रहे हैं।

कुर्मी बाहुल्य सीटें हैं फूलपुर व मिर्जापुर

जिन दोनों सीटों पर नीतीश के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा थी, वे दोनों ही सीटें पूर्वांचल में पीएम मोदी के संसदीय सीट वाराणसी के आसपास हैं। दोनों ही सीटें कुर्मी बहुल मानी जाती हैं, जो नीतीश के लिए सियासी लिहाज से काफी मुफीद था। इनमें मिर्जापुर से मौजूदा सांसद अपन दल (एस) की अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार में मंत्री हैं जबकि फूलपुर सीट लगातार कुर्मी प्रत्याशियों के कब्जे में है। मौजूदा सांसद भाजपा की केशरी देवी पटेल हैं जबकि 2014 में केशव प्रसाद मौर्य पांच लाख से ज्यादा वोटों से जीते थे।

बीते कुछ दिनों से मिशन-2024 को लेकर सक्रिय हैं नीतीश कुमार

उल्लेखनीय है कि बिहार में भाजपा को झटका देने वाले नीतीश कुमार बीते कुछ दिनों से मिशन-2024 को लेकर सक्रिय हैं। उनका टारगेट 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को बिहार समेत दूसरे राज्यों में भी कम सीटों पर समेटने का है। इसके लिए वह विपक्ष को एकजुट करने की कोशिशों में भी लगे हुए हैं। वह पिछले दिनों दिल्ली भी आए थे, जहां उन्होंने विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी ताकि 2024 के आम चुनाव में बीजेपी और पीएम मोदी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी मोर्चे को एक साथ जोड़ने की संभावना तलाशी जा सके।