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नीतीश सरकार का तोहफा – बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा

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पटना, 26 दिसम्बर। बिहार सरकार ने नए वर्ष से ठीक पहले राज्य के लगभग चार लाख शिक्षकों को तोहफा दिया और  उनकी बहुप्रतीक्षित मांग पूरी करते हुए उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने की मंजूरी प्रदान कर दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।

शिक्षा विभाग की ओर से जल्द ही आयोजित की जाएगी सक्षमता परीक्षा

बताया जा रहा है कि जल्द ही शिक्षा विभाग की ओर से सक्षमता परीक्षा आयोजित की जाएगी। उसके बाद नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा। राज्य कैबिनेट की बैठक में कुल 29 एजेंडों पर मुहर लगाई गई। इनमें नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के अलावा नई पर्यटन नीति को मंजूरी भी शामिल है।

वस्तुतः आगामी लोकसभा चुनाव से पहले शिक्षकों को लेकर यह नीतीश सरकार का बड़ा फैसला माना जा रहा है। सरकार ने इसी वर्ष बिहार शिक्षक नियमावली में संशोधन किया था। नई नियमावली में प्रस्ताव था कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनने के लिए बीपीएससी की परीक्षा पास करनी होगी। राज्य के नियोजित शिक्षक इसके विरोध में उतर गए और पटना एवं अन्य जिलों में आंदोलन किया।

राज्यकर्मी बनने के लिए अब बीपीएससी की परीक्षा पास करने की अनिवार्यता खत्म

सीएम नीतीश कुमार ने इसके बाद नई नियमावली की समीक्षा का आश्वासन दिया। अब सरकार ने इस नियम को खत्म कर दिया है। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनने के लिए अब बीपीएससी की परीक्षा पास नहीं करनी होगी। हालांकि, शिक्षा विभाग की ओर से एक सक्षमता परीक्षा ली जाएगी। इसे पास करते ही नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाएगा। उन्हें बीपीएससी टीचर्स की तर्ज पर वेतनमान और अन्य सुविधाएं मिलने लगेंगी।

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