नई दिल्ली, 23 अगस्त। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है, जिसके जरिए मौजूदा समय 90 प्रतिशत यात्रियों का आवागमन व 80 प्रतिशत माल की ढुलाई होती है। मंगलवार को यहां फिक्की सभागार में सड़क और राजमार्ग पर तीसरे शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के उपरांत अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सड़क नेटवर्क का वर्ष 2024 के अंत तक विस्तार कर इसे दो लाख किलोमीटर लंबा बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा बनाने की तकनीकों के उपयोग पर बल
नितिन गडकरी ने इस अवसर पर सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के प्रमुख कार्यक्रम और सड़क के बुनियादी ढांचे के लिए बजट में वृद्धि का भी उल्लेख किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और गुणवत्ता से समझौता किए बिना बेहतर बुनियादी ढांचा बनाने के लिए तकनीकों को अपनाने पर भी जोर दिया और भारतीय उद्योग जगत से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए आगे आएं।
माल ढुलाई की लागत कम करने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण की जरूरत
माल ढुलाई की लागत 16 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा, ‘इसके लिए हमें जलमार्ग, रेलवे, सड़क और विमानन के एकीकृत दृष्टिकोण की जरूरत है।’ उन्होंने पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल कम करने के विकल्प के रूप में एलएनजी और इथेनॉल, मेथनॉल, हाइड्रोजन के उपयोग पर जोर दिया।
‘अन्नदाता‘ जैव-अपशिष्ट व पराली से एथेनॉल का उत्पादन कर बन सकते हैं ‘ऊर्जादाता‘
गडकरी ने कहा कि देश के ‘अन्नदाता’ किसान जैव-अपशिष्ट और पराली से एथेनॉल का उत्पादन कर ‘ऊर्जादाता’ बन सकते हैं। विभिन्न सड़क अवसंरचना परियोजनाओं का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कैसे इन परियोजनाओं से शहरों और लोगों के बीच बेहतर संपर्क स्थापित होगा।